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जनरल हणूत सिंह की समाधि का होगा संरक्षण

विधानसभा में संत सैनिक महावीर चक्र विजेता जनरल हणूत सिंह की देहरादून में किशनपुर स्थित समाधि स्थल को नगर निगम की ओर से सील करने का मुद्दा गूंजा। जवाब में सरकार ने कहा कि समाधि स्थल की उक्त भूमि पर नगर निगम का कब्जा है। सरकार विपक्ष की मांग पर समाधि स्थल को संरक्षित करने के बारे में गंभीरता से विचार करेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:32 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:32 PM (IST)
जनरल हणूत सिंह की समाधि का होगा संरक्षण
जनरल हणूत सिंह की समाधि का होगा संरक्षण

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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विधानसभा में संत सैनिक महावीर चक्र विजेता जनरल हणूत सिंह की देहरादून में किशनपुर स्थित समाधि स्थल को नगर निगम की ओर से सील करने का मुद्दा गूंजा। जवाब में सरकार ने कहा कि समाधि स्थल की उक्त भूमि पर नगर निगम का कब्जा है। सरकार विपक्ष की मांग पर समाधि स्थल को संरक्षित करने के बारे में गंभीरता से विचार करेगी। उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने बुधवार को नियम-58 के तहत उक्त मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध में विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल हणूत सिंह की समाधि स्थल को जिस शिकायतकर्ता की शिकायत पर सील किया गया, कुछ साल पहले उसी खसरे नंबर में नगर निगम ने शिकायतकर्ता का चालान कर दिया था। यह वीर सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। विधायक मनोज रावत ने कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल हणूत सिंह की समाधि स्थल का संरक्षण सरकार को करना चाहिए।

हरीश धामी ने किया वॉक आउट

सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के सभागार का नामकरण पूर्व मुख्य सचिव डॉ आरएस टोलिया से हटाकर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर किए जाने के मामले में धारचूला विधायक हरीश धामी ने सरकार पर निशाना साधा। विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार डॉ टोलिया के नाम पर सचिवालय में पुस्तकालय का नामकरण करेगी। जवाब से नाखुश विधायक धामी ने सदन से वॉक आउट किया। विधायक धामी ने नियम-58 के तहत यह मामला उठाते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने डॉ टोलिया के प्रशासनिक, शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र में योगदान को देखते हुए उनके नाम पर उक्त सभागार का नामकरण किया था। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की गई, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बदले की भावना से कार्य करते हुए नाम बदल दिया। जवाब में विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उक्त मामले को विवाद या तूल देने से बचा जाना चाहिए। पिछली सरकार ने नामकरण भले ही किया, लेकिन नाम पट्टिका नहीं लगाई। बाद में मौजूदा सरकार से सभागार में नाम पट्टिका नहीं देख यह निर्णय त्रुटिवश हुआ। डॉ टोलिया के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए पुस्तकालय का नामकरण उनके नाम पर किया जाएगा।

विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का इंतजार

पुराने व्यावसायिक वाहनों को स्पीड गवर्नर लगाने की बाध्यता से निजात दिलाने और उनकी फिटनेस जारी करने के संबंध में सरकार को आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट का इंतजार है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर उक्त संबंध में फैसला लिया जाएगा। विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने बुधवार को सदन को यह जानकारी दी। इससे पहले विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने नियम-58 में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि स्पीड गवर्नर लगाने की बाध्यता के विरोध में वाहन स्वामी आंदोलित हैं। स्पीड गवर्नर लगने तक वाहनों की फिटनेस पर रोक लगी हुई है। जवाब में मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि स्पीड गवर्नर को लेकर केंद्र सरकार की अधिसूचना का पालन राज्यों के लिए अनिवार्य है। राज्य सरकार ने 31 जनवरी, 2017 को अधिसूचना जारी कर इसे लागू किया है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर हाईकोर्ट ने भी तीन माह में इस पर अमल के आदेश दिए हैं। सरकार इसका पालन कर रही है।


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