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Uttarakhand Budget 2020: त्रिवेंद्र के बजट में मिशन 2022 पर नजर

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री गैरसैंण विधानसभा में अपना जो बजट पेश किया उसमें इस बात पर विशेष तवज्जो दी गई कि इसमें समाज के हर तबके के लिए कुछ न कुछ समेटा जाए।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 11:20 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 11:20 AM (IST)
Uttarakhand Budget 2020: त्रिवेंद्र के बजट में मिशन 2022 पर नजर
Uttarakhand Budget 2020: त्रिवेंद्र के बजट में मिशन 2022 पर नजर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री गैरसैंण विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। बजट तैयार करने में इस बात पर विशेष तवज्जो दी गई कि इसमें समाज के हर तबके के लिए कुछ न कुछ समेटा जाए। किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना तो युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए भी त्रिवेंद्र के बजट के पिटारे से योजना निकली है। समाज के पिछड़े वर्ग के हितों के लिए बजट में प्रविधान किए गए हैं तो ढांचागत विकास पर सरकार ने विशेष फोकस किया है।

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उत्तराखंड में ठीक दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा अकेलेदम 70 में से 57 सीटों पर काबिज हुई थी, तो लाजिमी तौर पर त्रिवेंद्र सरकार पर इस बात का दबाव रहेगा कि वह इस प्रदर्शन को दोहराए। बजट भाषण के दौरान जिस तरह मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की, वह पार्टी की चुनावी रणनीति का ही एक अहम हिस्सा मानी जा सकती है। पेश बजट में जिस तरह हर तबके लिए प्रविधान किए गए, उससे भी यही संकेत जा रहे हैं।

उत्तराखंड में युवाओं की संख्या कुल मतदाताओं के पचास फीसद से ज्यादा है। इस वर्ग को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना, पलायन प्रकोष्ठ, मुख्यमंत्री नवाचार कोष की स्थापना को बजट में जगह दी गई है। इसके अलावा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली रोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, डिग्री कॉलेजों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए धनराशि जैसे अहम प्रविधान भी युवा वर्ग के लिए शिक्षा और रोजगार को केंद्रित कर ही किए गए हैं।

किसानों के लिए कृषि उत्पादन लागत सर्वेक्षण योजना, मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना, गन्ना भुगतान को धनराशि का प्रविधान बजट का हिस्सा हैं। यही नहीं, समाज के पिछड़े तबके के लिए बजट में विशेष व्यवस्था की गई है। समाज कल्याण की जनहितकारी योजनाओं के लिए एक हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि रखी गई है। 

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बजट में सबसे महत्वपूर्ण बात यह नजर आई कि जिन योजनाओं को सरकार पिछले तीन साल से संचालित कर रही है, उन्हें इस बजट में भी खास वरीयता दी गई है। हालांकि बजट में राज्य की केंद्रीय योजनाओं पर निर्भरता साफ दिख रही है, लेकिन यह भी सच है कि डबल इंजन के बूते अगर केंद्रीय योजनाओं का राज्य को लाभ मिलता है तो इसका फायदा पार्टी को अगले चुनाव में निश्चित तौर पर मिलेगा।

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