यहां पांच साल बाद मिला यौन शोषण की शिकार नाबालिग को न्याय
यौन शोषण के मामले में एक नाबालिग को पांच साल बाद इंसाफ मिला। पलिस आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवार्इ में जुट गर्इ है।
देहरादून, जेएनएन। यौन शोषण के मामले में एक नाबालिग को पांच साल बाद न्याय मिला है। प्रधान के बेटे ने नाबिलग को यौन शोषण का शिकार बनाया था। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर जिला विधिक प्राधिकरण और किशोर न्याय बोर्ड (पिथौरागढ़) ने मामले का संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की। सुनवाई के बाद पीड़िता को छह लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश जारी किए। साथ ही पुलिस को आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि अक्टूबर को पीड़िता के पिता ने आयोग में लिखित शिकायत दी थी। इसमें कहा गया था कि साल 2013 में क्षेत्रीय प्रधान के बेटे उनकी नाबालिग बेटी का कई माह तक यौन शोषण किया। जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो पुलिस में इसकी शिकायत की, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुर्इ।
ऊषा नेगी ने बताया कि इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए पीड़िता को उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2013 के तहत उचित मुआवजा दिलाने की सिफारिश की गर्इ। इसके लिए अक्टूबर माह में ही जिला विधिक प्राधिकरण और जेजे बोर्ड पिथौरागढ़ को पत्र लिखा गया था। उन्होंने बताया कि जिला विधिक प्राधिकरण ने राज्य सरकार को पीड़िता को साढ़े पांच लाख मुआवजा और जेजे बोर्ड ने 50 हजार की धनराशि प्रतिकर के रूप में देने के आदेश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने बताया कि पीड़िता का परिवार कम पढ़ा-लिखा है, उन्हें सरकारी औपचारिकताओं की जानकारी नहीं है। इसलिए आयोग ने बाल कल्याण समिति (पिथौरागढ़) की अध्यक्ष रेनू ठाकुर को परिवार को मुआवजा राशि दिलाने के लिए समस्त औपचारिकताओं को पूरा करने में सहायता करने को कहा है।
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