सफार्इ कर्मचारियों से वार्ता विफल, अब सरकार करेगी ये व्यवस्था
सफार्इ कर्मचारियों की मंत्री के साथ हुर्इ वार्ता भी विफल हो गर्इ है। जिसके बाद अब सीएम ने सामानंतर व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: छह दिन से चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी कामयाब नहीं हो पाए। उन्होंने शनिवार रात हरिद्वार से दून पहुंचकर हड़ताली कर्मियों के साथ वार्ता बैठक बुलाई। बैठक में हड़ताल तत्काल खत्म करने व चार दिन का वक्त देने की मांग की गई पर हड़ताली नहीं माने। देर रात करीब एक घंटे तक हुई वार्ता विफल हो गई।
हड़ताली कर्मचारियों ने रविवार सुबह निगम में बैठक बुलाई। जिसमें सभी कर्मचारियों के साथ बैठकर कर्मचारी नेता सरकार के प्रस्ताव एवं अगली रणनीति पर विचार किया। वहीं, हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खासे नाराज हैं और उन्होंने जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन को समानांतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर जिलाधिकारी ने देर रात नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस अफसरों की बैठक बुलाई। जिसमें फैसला हुआ कि फिलहाल किराए के मजदूरों से कूड़े का उठान कराया जाएगा। अगर किसी ने विरोध या गाड़ी रोकी तो उसे गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं।
नगर निगम में मोहल्ला स्वच्छता समिति के 610 कर्मचारियों में से 408 को संविदा पर रखने की मांग लेकर सभी सफाई कर्मी सोमवार से हड़ताल पर हैं। शहर में गंदगी का बुरा हाल है। हर सड़क पर कूड़े और गंदगी की चादर बिछी हुई है। नालियां और नाले चोक हैं और गंदगी बाहर बहने लगी है। मुख्य सड़कों से कूड़ा उठान पूरी तरह ठप है। पिछले छह दिन से जिला प्रशासन लगातार मशक्कत कर हड़ताल को समाप्त कराने के प्रयास कर रहा, मगर कामयाबी नहीं मिल रही।
वैकल्पिक व्यवस्था कराई गई एवं शनिवार से एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस अफसरों की मौजूदगी में कूड़ा उठान वाहन संचालित कराए गए पर इससे भी हालात सामान्य नहीं हुए। जिलाधिकारी ने शहर को छह जोन में बांटा हुआ है और इसी आधार पर शनिवार सुबह कूड़ा वाहन संचालित किए गए। जहां बड़े वाहन पहुंचे वहीं हड़ताली पहुंचकर विरोध करने लगे। गंदगी की वजह से शहर में पैदल चलना तो दूर वाहन चलाना भी मुश्किल हो चुका है। हड़ताली अडिग हैं। दोपहर में उन्होंने निगम में धरना-प्रदर्शन किया। रात में उन्हें शहरी विकास मंत्री कौशिक ने अपने यमुना कालोनी आवास वार्ता के लिए बुलाया।
वार्ता में जिलाधिकारी, अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी, निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह व भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा समेत कर्मचारी नेता राजेश कुमार व धीरज भारती आदि मौजूद रहे। एक घंटे तक मशक्कत होती रही कि हड़ताली मान जाएं पर वे नहीं मानें। वार्ता में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि संविदा के आदेश होने के बाद ही हड़ताल खत्म की जाएगी। हड़ताल जारी रहने से अब सरकार की चिंता भी बढऩे लगी है। जिलाधिकारी ने प्रशासन व निगम अधिकारियों को आज से समानांतर व्यवस्था करने व युद्धस्तर पर सफाई कार्य कराने के आदेश दिए।
भाजपा नेता की मौजूदगी में लगे सरकार विरोधी नारे
दोपहर में भाजपा नेता व महापौर के प्रबल दावेदार माने जा रहे सुनील उनियाल गामा नगर निगम पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के साथ बैठ गए। उनकी मौजूदगी में ही हड़तालियों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच गामा को एहसास हुआ कि कहीं उनकी मौजूदगी पर सरकार विरोधी नारे लगने से राजनीतिक विवाद न खड़ा हो गए। स्थिति असहज देखकर वह तत्काल उठे और नजदीक खड़े एसडीएम प्रत्यूष सिंह के पास जा पहुंच गए। फिर एसडीएम से हड़ताल व सफाई व्यवस्था को लेकर बातचीत की। गामा ने हड़ताली कर्मियों को रात में शहरी विकास मंत्री से वार्ता कराने का भरोसा दिया।
कूड़ा वाहन रोके, हवा निकाली, सोमवार से तेज होगा आंदोलन
शुक्रवार देर रात के बाद हड़तालियों ने शनिवार को भी जगह-जगह कूड़ा उठान वाहन रोककर उनकी हवा निकाल दी और हंगामा किया। बड़े वाहन चलने नहीं दिए गए। अलबत्ता छोटे वाहन जरूर वार्डों में चले। बड़े वाहन न चलने से कूड़ेदानों व सड़क किनारे लगे कूड़े के ढेर साफ नहीं हो पाए। सफाई कर्मचारी नेता राजेश कुमार और धीरज भारती ने दोपहर में प्रेस वार्ता कर सोमवार से आंदोलन और तेज करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जो छह जोन बनाए हैं, वहां सोमवार से 50-50 महिला कर्मियों को विरोध करने सड़कों पर उतारा जाएगा।
सीएम रावत का कहना है कि हड़ताल किसी मामले का हल नहीं है। शहर का बुरा हाल है। कर्मचारियों को भी समझना चाहिए कि सरकार जो कर सकती है कर रही है। हड़ताल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी को समानांतर व्यवस्था बनाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। किराए के मजदूर-वाहन लगाएं, सफाई का कार्य हर हाल में कराया जाएगा। सरकार पूरी स्थिति को देख रही है और गंभीर है। आमजन को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
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