Move to Jagran APP

मंत्रियों में होमवर्क का अभाव तो विपक्ष का कमजोर रणनीतिक कौशल

ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण में पहली बार हुआ विधानसभा का बजट सत्र भले ही कामकाज के लिहाज से ठीक रहा हो मगर इस दौरान मंत्रियों के कमजोर होमवर्क का अभाव झलका तो विपक्ष का रणनीतिक कौशल भी नजर नहीं आया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:05 AM (IST)
मंत्रियों में होमवर्क का अभाव तो विपक्ष का कमजोर रणनीतिक कौशल
बजट सत्र के दौरान मंत्रियों के कमजोर होमवर्क का अभाव झलका तो विपक्ष का रणनीतिक कौशल भी नजर नहीं आया।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण में पहली बार हुआ विधानसभा का बजट सत्र भले ही कामकाज के लिहाज से ठीक रहा हो, मगर इस दौरान मंत्रियों के कमजोर होमवर्क का अभाव झलका तो विपक्ष का रणनीतिक कौशल भी नजर नहीं आया। छह दिन तक चले सदन में प्रश्नकाल के दौरान कई बार विधायकों के सवालों पर मंत्री अटके तो विपक्ष भी तमाम मुद्दों को उठाने के बावजूद बिखरा-बिखरा सा दिखा।

loksabha election banner

एक मार्च से छह मार्च तक चले बजट सत्र में चार दिन प्रश्नकाल चला, मगर इसमें कई मर्तबा ये स्थिति भी सामने आई कि जब विभागीय मंत्रियों को कहना पड़ा कि सदस्यों को जानकारी बाद में उपलब्ध करा दी जाएगी। ऐसे मौके भी आए, जब सरकार को अपने ही विधायकों के सवालों से असहज होना पड़ा। जाहिर है कि सत्र ने यह संदेश दिया है कि विभागीय मंत्री सत्र में पूरी तैयारी के साथ सदन में जाएं और अपने जवाब से सदस्यों की जिज्ञासाओं को शांत करें। जहां तक विपक्ष का सवाल है तो वह बिखरा सा ही दिखा। महंगाई, बेरोजगारी, गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी, भ्रष्टाचार, आपदा से संबंधित मुद्दे तो उठाए, मगर इस दिशा में वह रणनीतिक कौशल नहीं दिखा पाया। नतीजतन, विपक्ष कहीं भी सरकार पर हावी होता नहीं दिखा।

छह दिन में 31 घंटे 29 मिनट चला सदन

विधानसभा के छह दिन तक चले बजट सत्र के दौरान सदन 31 घंटे 29 मिनट चला। सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद यह सत्र विधायी कामकाज के लिहाज से बेहतर रहा। सत्र के लिए विधानसभा को विधायकों के 630 प्रश्न प्राप्त हुए। इनमें 11 अल्पसूचित प्रश्नों में से तीन, 186 तारांकित प्रश्नों में से 50 और 352 अतारांकित प्रश्नों में से 85 उत्तरित हुए। 81 प्रश्न अस्वीकार किए गए।

उन्होंने बताया कि सत्र में कुल 32 याचिकाएं प्राप्त हुई, जिन्हें स्वीकृत किया गया। नियम 300 में प्राप्त 28 सूचनाओं में 25 सूचनाएं ध्यानाकर्षण को रखी गईं। नियम 53 में आठ सूचनाएं स्वीकृत हुई, जबिक 19 ध्यानाकर्षण के लिये रखी गईं। नियम 58 में प्राप्त 23 सूचनाओं में सभी स्वीकृत की गईं। नियम 299 में मिली दोनों सूचनाएं स्वीकृत हुईं। इसके लिए नियम 310 में प्राप्त चार सूचनाओं को नियम 58 में स्थानांतरित किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य के इतिहास में पहली बार विधानसभा सत्र की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया गया। 

ये विधेयक हुए पारित

-उत्तराखंड विनियोग विधेयक 

-उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन प्रोत्साहन एवं सुविधा (संशोधन) विधेयक 

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) (संशोधन) विधेयक 

-उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) (संशोधन) विधेयक 

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) (संशोधन) विधेयक 

-देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय विधेयक

-सूरजमल विश्वविद्यालय विधेयक 

-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक

-इक्फाई विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक

यह भी पढ़ें-Uttarakhand Budget Session 2021: भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस का सदन में हंगामा

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.