विभागीय उपेक्षा का शिकार हुआ रायवाला मिनी स्टेडियम Dehradun News
रायवाला का खेल मैदान बदहाल हालत में है। लगातार निजी और सरकारी कार्यक्रमों के होने से मैदान खस्ताहाल है।
रायवाला, जेएनएन। प्रदेश सरकार खेलों को प्रोत्साहन के नाम पर भले ही लाखों करोड़ों खर्च करने का दावा करती हो, लेकिन धरातल पर ये दावे हवाई साबित होते हैं। इसका अंदाजा रायवाला का खस्ताहाल खेल मैदान देखकर लगाया जा सकता है। लगातार निजी और सरकारी कार्यक्रमों के होने से मैदान बदहाल है। बाउंड्रीवाल न होने से असामाजिक तत्वों और शराबियों का यहां पूरे दिन जमावड़ा लगा रहता है। खिलाड़ियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग जल्द से जल्द इसकी बाउंड्री कराकर मैदान को ठीक कराए, जिससे खिलाडिय़ों की दिक्कतें दूर हो सके।
रायवाला मुख्य बाजार के पास हरिद्वार-दून हाईवे किनारे स्थित इस खेल को मैदान को मिनी स्टेडियम बनाने के लिए वर्ष 2005 में प्रतीतनगर ग्राम सभा ने युवा कल्याण विभाग को सौंपा था। लेकिन विभाग ने अब तक इस मैदान की सुध नहीं ली। विभागीय लापरवाही के कारण यह मैदान अब महज निजी और सार्वजनिक कार्यक्रमों का स्थान और शराबियों, जुआरियों का अड्डा बनकर रह गया है। लगातार आयोजन होने के कारण खिलाडिय़ों की प्रैक्टिस प्रभावित होती है। कई बार शराबियों और असामाजिक तत्वों से भी खिलाड़ियों को परेशानी उठानी पड़ती है।
यह भी पढ़ें: बीसीसीआइ उपाध्यक्ष महीम वर्मा बोले, उत्तराखंड में क्रिकेट को बढ़ावा देना प्राथमिकता
अतिक्रमण की जद में मैदान
मैदान पर अतिक्रमण होना शुरू हो गया है। खेल प्रेमियों की शिकायत के बाद भी प्रशासन और संबंधित विभाग ने चुप्पी साध रखी है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है।
युवा कल्याण अधिकारी विनीत नौटियाल का कहना है कि बजट नहीं है। इसलिए मैदान का रखरखाव नहीं हो पा रहा है। अतिक्रमण के संबंध में दिखाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: दून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की राह में पांच सितारा होटल बना रोड़ा