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उत्तराखंड में बनेगा सैन्य धाम, ट्रेचिंग ग्राउंड की जमीन हुई फाइनल

सैन्य धाम के लिए जगह पर मुहर लग ही गई है। निगम के पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड की चार हेक्टेयर जमीन सैन्य धाम के लिए फाइनल कर दी गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 01:53 PM (IST)
उत्तराखंड में बनेगा सैन्य धाम, ट्रेचिंग ग्राउंड की जमीन हुई फाइनल
उत्तराखंड में बनेगा सैन्य धाम, ट्रेचिंग ग्राउंड की जमीन हुई फाइनल

देहरादून, जेएनएन। सूबे में पांचवें धाम के रूप में बनाए जा रहे सैन्य धाम के लिए शासन ने जगह फाइनल कर ही दी। बीते चार माह से चल रही कसरत में पहले दून के शिप्रा विहार में जमीन तय की गई थी, लेकिन शासन ने बीते दिनों इसे रिजेक्ट कर दिया। 

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार सुबह आवास पर महापौर सुनील उनियाल गामा और शासन के अधिकारियों संग इस मामले में बैठक की। इसके बाद महापौर और अधिकारियों की टीम ने सहस्रधारा रोड पर दो जमीनों का निरीक्षण किया। अंत में निगम के पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड की चार हेक्टेयर जमीन सैन्य धाम के लिए फाइनल कर दी गई है। आठ हेक्टेयर वाले ट्रेंचिंग ग्राउंड की बाकी जमीन पर सिटी पार्क बनाया जाएगा। 

राज्य स्थापना दिवस समारोह के दौरान आयोजित सैन्य शक्ति सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में देहरादून में शौर्य स्थल सैन्य धाम बनाने का एलान करते हुए नगर निगम को जमीन चिह्नित करने के निर्देश भी दिए थे। पूरी तरह से डिजिटल बनने वाले धाम के दर्शन को देश-दुनिया के लोग चारधाम की तर्ज पर आएं, ऐसी सरकार की योजना है। वर्ष 1947 के बाद देश रक्षा में कुर्बानी देने वाले हर सैनिक का नाम सैन्य धाम में स्वर्ण अक्षर में लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश में चारधाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) के बाद यह पांचवे धाम के रूप में पूजा जाएगा। इतना ही नहीं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुछ माह पूर्व उत्तराखंड को पांचवा धाम कहकर संबोधित कर चुके हैं। 

प्रधानमंत्री के सुझाव पर सरकार ने दून में शौर्य स्थल को पांचवे धाम यानी सैन्य धाम के रूप में धरातल पर उतारने की योजना पर काम शुरू कर दिया था। सरकार शौर्य स्थल को लेकर पहले से पर्याप्त बजट प्रस्तावित कर चुकी है। ऐसे में शौर्य स्थल को डिजिटल धाम बनाया जाना प्रस्तावित है। सैन्य धाम में देश की रक्षा में शहीद सैनिकों की वीर गाथा से लेकर सूबे के सैनिक बाहुल्य क्षेत्र से जुड़ी जानकारी एक ही क्लिक पर मिलेगी। नगर निगम ने धाम के लिए कैनाल रोड पर शिप्रा विहार में 50 बीघा जमीन चिह्नित कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी। शासन ने सर्वेक्षण के बाद इस जमीन को धाम के लिहाज से उपयुक्त नहीं माना। बताया गया कि भूमि पहाड़नुमा होने के कारण इसे नापसंद किया गया है। 

इसके बाद शासन ने नगर निगम को दोबारा शहर औ आसपास में खाली जमीन का सर्वे कराने को कहा था। इसके बाद निगम ने आइटी पार्क और गढ़ीकैंट बोर्ड कार्यालय के बगल समेत इंदिरानगर और एसडीआरएफ मुख्यालय डोईवाला समेत कुल आठ जगह पर जमीन इस कार्य के लिए देखी और रिपोर्ट शासन को भेजी। 

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सोमवार को मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर इस सिलसिले में बैठक ली। महापौर के अलावा बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव आवास व अपर सचिव सैनिक कल्याण समेत जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे मौजूद रहे। बैठक में आइटी पार्क और ट्रेंचिंग ग्राउंड की जमीन पर सहमति बनी। इस पर महापौर के साथ अधिकारी सीधे जमीन को देखने पहुंचे। बाद में ट्रेंचिंग ग्राउंड की चार हेक्टेयर भूमि इसके लिए फाइनल करने पर मंजूरी दे दी गई। महापौर ने बताया कि इसी दौरान जमीन का सीमांकन भी प्रशासन की टीम ने कर दिया है। जल्द सैन्य धाम बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 

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बिल्डरों-प्रापर्टी डीलरों के खिले चेहरे 

ट्रेचिंग ग्राउंड की वजह से जिस जमीन के कोई दाम नहीं मिल रहे थे, अब वहां उन्हीं जमीनों के दाम आसमान छू सकते हैं। नगर निगम के सहस्रधारा रोड पर ट्रेचिंग ग्राउंड के कारण आसपास की करोड़ों की जमीनों के दाम जमीन पर थे। वहां बने अपार्टमेंटों में कोई फ्लैट लेने को राजी नहीं था। इसके अलावा प्रापर्टी डीलरों और बिल्डरों ने काफी संख्या में वहां प्लाटिंग की हुई थी। दिसंबर 2017 में ट्रेचिंग ग्राउंड बंद कर दिया गया था, लेकिन वहां पड़े कूड़े का ट्रीटमेंट नहीं होने से बेश्कीमती जमीनें ज्यों के त्यों पड़ी हुई थी। इसे लेकर बिल्डर और प्रापर्टी डीलर भी सरकार पर अंदरखाने दबाव बना रहे थे। अब वहां सैन्य धाम और सिटी पार्क की घोषणा होने से जमीनों के दाम काफी ऊपर जा सकते हैं। 

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