पलायन आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी रुद्रप्रयाग जिले की रिपोर्ट, जानिए उसमें क्या बातें आई सामने
रुद्रप्रयाग जिले की 316 ग्राम पंचायतों से बीते 10 वर्षों में 22735 व्यक्तियों ने जिले के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर अस्थायी रूप से पलायन किया जबकि 7835 व्यक्ति पूर्ण रूप से गांवों से स्थायी पलायन कर चुके हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। रुद्रप्रयाग जिले की 316 ग्राम पंचायतों से बीते 10 वर्षों में 22,735 व्यक्तियों ने जिले के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर अस्थायी रूप से पलायन किया, जबकि 7835 व्यक्ति पूर्ण रूप से गांवों से स्थायी पलायन कर चुके हैं। पलायन करने वालों में 26 से 35 आयुवर्ग के युवाओं की संख्या तकरीबन 40 फीसद है। उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की ओर से तैयार की गई रुदप्रयाग जिले की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने मंगलवार को सचिवालय में यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिए जिलों में रोजगार बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया।
रुद्रप्रयाग जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने और पलायन थामने को सुझावों से संबंधित इस रिपोर्ट का मुख्यमंत्री ने विमोचन भी किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि रुद्रप्रयाग के प्रमुख पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों की ओर ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है। जिले में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। यहां महिलाओं की आबादी अधिक है, महिलाओं को कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना होगा।
पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार रूद्रप्रयाग की जनसंख्या दो लाख 42 हजार 285 है। यहां की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। विकासखंड ऊखीमठ की जनसंख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि एवं विकासखंड अगस्त्यमुनि की जनसंख्या में दो प्रतिशत की कमी आई है। राज्य घरेलू उत्पाद के आधार पर वर्ष 2016-17 (अनन्तिम) अनुमानों में रुद्रप्रयाग जिले में प्रतिव्यक्ति आय 83521 रुपये अनुमानित है। रुद्रप्रयाग एवं टिहरी जिलों की प्रति व्यक्ति आय अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में कम है। रुद्रप्रयाग का मानव विकास सूचकांक अन्य पर्वतीय जिलों से कम है। रूद्रप्रयाग में कुल 688 ग्रामों में से 653 आबाद एवं 35 गैर आबाद ग्राम हैं।
आयोग ने सुझाव दिया हैं कि विकासखंड स्तर पर आर्थिक विकास का ढांचा तैयार किया जाए। पर्यटन विकास योजना तैयार करने के साथ ही होम स्टे योजना को स्थानीय स्तर पर बढ़ावा देना होगा। पानी के पारंपरिक स्रोतों के सूखने से जल की उपलब्धता एक चुनौती के रूप में आई है। सामाजिक-आर्थिक उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए महिला केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना होगा। जिले में फल, नर्सरियों की संख्या बढ़ाने एवं फल रोपण सामग्री उत्पादन करने के साथ ही निजी क्षेत्र की नर्सरियों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन और चारधाम सड़क परियोजना से रुद्रप्रयाग के विकास में तेजी आएगी। इसका लाभ उठाने के लिए जिला प्रशासन को विशेष योजना बनानी होगी।
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