उत्तराखंड आने वालों को स्वरोजगार के लिए मिलेगा ऋण, जानिए योजना के बारे में सबकुछ
युवाओं और प्रवासी उत्तराखंडवासियों के लिए अच्छी खबर है। उनके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू कर दी गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना के कारण उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव कदम उठा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पात्र बेरोजगार को राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंक व अन्य के माध्यम से सभी पात्रों को निर्माण सेवा व व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए उन्हें 15 से 25 फीसद तक का अनुदान दिया जाएगा। इसमें निर्माण क्षेत्र के उद्योग के लिए अधिकतम 25 लाख तथा सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रखी गई है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के आदेश दिए हैं।
कोरोना काल में प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड आए हैं। इनमें से युवा प्रवासियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। इसे देखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है। इस योजना के तहत निर्माण, सेवा व व्यवसाय से संबंधित सभी प्रकार की परियोजनायें, जिनमें डेयरी, पॉल्ट्री, फिशरी, औद्यानिकी, व्यवसायिक कृषि तथा रिटेल शॉप आदि को शामिल करते हुए इनके लिए अर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
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इसके अलावा ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है जो पांच साल पहले केंद्र व राज्य सरकार से स्वरोजगार योजनाओं के तहत ऋण ले चुके हैं और उन्होंने समय पर पैसा भी वापस किया है। उन्हें भी उद्योग व व्यवसाय के लिए ऋण दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने पत्र में स्पष्ट किया है कि इसके अलावा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के तहत जो योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ भी बेरोजगारों को दिया जाए। उन्होंने जनपद स्तर पर योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार, योजनाओं को चयन व इसे शुरू करने में करने में युवाओं की सहायता करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।