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राज्य के 759 मिनी बैंकों में माइक्रो एटीएम

सरकार ने प्रदेश में मिनी बैंक के रूप में सेवाएं दे रहीं 759 प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) में आधार बेस माइक्रो एटीएम देने की तैयारी की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 11 Nov 2017 08:36 AM (IST)Updated: Sat, 11 Nov 2017 08:46 PM (IST)
राज्य के 759 मिनी बैंकों में माइक्रो एटीएम
राज्य के 759 मिनी बैंकों में माइक्रो एटीएम

देहरादून, [केदार दत्त]: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी ग्रामीणों को शहरी इलाकों की भांति एटीएम की तरह सुविधा मुहैया हो सकेगी। इसके लिए सरकार ने प्रदेश में 'मिनी बैंक' के रूप में सेवाएं दे रहीं 759 प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) में आधार बेस माइक्रो एटीएम देने की तैयारी की है। इसे देखते हुए पैक्स समितियों में कंप्यूटरीकरण कार्य शुरू किया गया है, जिसके पूरा होने पर इन सभी को माइक्रो एटीएम उपलब्ध कराए जाएंगे।

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राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पैक्स समितियां कृषि ऋण मुहैया कराने और तमाम कल्याणकारी योजनाओं के साथ ही जिला सहकारी बैंकों की मदद से मिनी बैंक के रूप में भी कार्य कर रही हैं। इनकी उपयोगिता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 759 पैक्स में से 400 समितियां 70 करोड़ के लाभ में हैं।

घाटे में चल रही शेष 359 समितियों को भी लाभ में लाने को सरकारी स्तर पर कवायद चल रही है। अब राज्य सरकार ने इनके जरिये ग्रामीणों को एटीएम जैसी सुविधा मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में पैक्स के कंप्यूटरीकरण का कार्य चल रहा है। इसके पूरा होते ही उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां पैक्स कंप्यूटरीकृत होंगे। 

राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक दीपक कुमार के अनुसार कंप्यूटरीकरण का कार्य पूरा होने के बाद सभी पैक्स को माइक्रो एटीएम देने की योजना है। इनके जरिये ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी कैश जमा व निकासी की सुविधा मिल सकेगी। हालांकि, कैश की लिमिट तय होगी। इसके अलावा ई-केवाईसी आधारित बचत खाते, फंड ट्रांसफर, अकाउंट बैलेंस समेत अन्य बैंकिंग सुविधाएं भी माइक्रो एटीएम के जरिए मिलेंगी।

क्या है माइक्रो एटीएम 

माइक्रो एटीएम, प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन की तरह होती है। बैंक कर्मचारी अथवा उनके बिजनेस कारस्पोंडेंट (बीसी) इसे लेकर जहां भी बैठते हैं, वहां इसकी सुविधा लेने को आधार कार्ड दिखाना होगा। बायोमेट्रिक अथेंटिकेशन के लिए फिंगर प्रिंट स्कैन किया जाता है और अथेंटिकेशन सफल होने पर रसीद मिलती है और कर्मचारी आपको पैसे देगा। ट्रांजेक्शन होने के बाद मोबाइल नंबर पर इसकी बाकायदा जानकारी मिलेगी। माइक्रो एटीएम उन क्षेत्रों के वरदान है, जहां बैंकिंग की आधुनिक सुविधाएं विभिन्न कारणों से पसर नहीं पाई हैं। इस लिहाज से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए यह पहल बेहद मुफीद मानी जा रही है। 

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