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मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता जरूरी: रविकांत

अखिल भारतीय आयुíवज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में मनोरोग प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत चिकित्सकों को सामान्य व गंभीर किस्म के मानसिक रोगों के कारण, पहचान व समाधान संबंधी जानकारियां दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 08:15 PM (IST)
मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता जरूरी: रविकांत
मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता जरूरी: रविकांत

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

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अखिल भारतीय आयुíवज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में मनोरोग प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत चिकित्सकों को सामान्य व गंभीर किस्म के मानसिक रोगों के कारण, पहचान व समाधान संबंधी जानकारियां दी। प्रशिक्षण शिविर में मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक रहने की जरूरत बताई गई।

गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में एम्स निदेशक पद्श्री रविकांत ने कहा कि मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर में कार्यरत चिकित्सक इस मामले में अहम भूमिका निभा सकते हैं। एम्स निदेशक ने इस विषय में संस्थान व निम्हांस द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम का महत्व बताया।उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान राज्य में मानसिक रोगियों की समस्याओं के निदान के लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगा। कार्यशाला में डॉ.विक्रम ¨सह रावत ने बताया कि आमतौर पर सामान्य व गंभीर मानसिक बीमारियां होती हैं। आम बीमारी में उदासी की परेशानी डिप्रेशन में मरीज को गहन उदासी का अनुभव होता है, उसकी हर चीज में रुचि खत्म हो जाती है और मरीज नकारात्मक विचारों से घिर जाता है। जबकि गंभीर रोग में मरीज में आत्महत्या से जुड़े विचार आने लगते हैं। 10 में से एक व्यक्ति में इस तरह की परेशानी पाई जाती है। डॉ.नवीन ने सिजोफ्रेनिया, साइकोसिस जैसी बाईपोलर डिस्ऑर्डर गंभीर बीमारियां होती हैं, इनमें रोगी को शक, कानों में कुछ आवाजें सुनाई देने की शिकायत रहती है। इस स्थिति में मन के भाव में बार बार परिवर्तन होता है। इस स्थिति में रोगी गहन उदासी में रहता है। एम्स मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ.रवि गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य पीएचसी को आम मानसिक बीमारियों के बारे में सजग करना है जिससे चिकित्सक मरीज में इन बीमारियों की अपने स्तर से पहचान कर प्राथमिक उपचार शुरू कर सकें। इस अवसर पर एम्स के डॉ.विशाल धीमान, डॉ.जितेंद्र रोहिला, डॉ.अ¨नद्या दास, डॉ. अनुरुद्ध वासू, निम्हांस के डॉ.मंजूनाथ व डॉ.संतोष आदि मौजूद थे।

एम्स में उपलब्ध है मानसिक रोगों का उपचार

संस्थान के मनोरोग चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ.रवि गुप्ता ने बताया कि संस्थान में ओपीडी व वार्ड के माध्यम से मनोरोग उपचार सुविधा उपलब्ध है। बताया कि प्रतिदिन जनरल ओपीडी व सप्ताह में पांच दिन स्पेशल क्लिनिक संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि स्पेशल क्लिनिक में सोमवार को वृद्धजनों को, मंगलवार को बच्चों, बुधवार को नशे से जुड़ी समस्याओं, बृहस्पतिवार को नींद से जुड़ी व शुक्रवार को न्यूरो साइकेट्रिक क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है।


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