आयुष्मान भारत: इमरजेंसी में सीधा निजी अस्पताल में कराएं इलाज
अपर सचिव स्वास्थ्य व मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने बताया कि मरीज को सूचीबद्ध निजी अस्पताल में उपचार के लिए सरकारी चिकित्सालय से रेफर होना आवश्यक नहीं है।
देहरादून, [जेएनएन]: आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना लागू होने के बाद से अस्पतालों के सूचीबद्ध होने व मरीजों के उपचार प्राप्त करने से संबंधित प्रगति की समीक्षा बुधवार को अपर सचिव स्वास्थ्य व मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने की। स्वास्थ्य महानिदेशालय के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों ने उन्हें बताया कि योजना के तहत निजी अस्पतालों में उपचार के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर किए जाने की अनिवार्यता को लेकर लाभार्थियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
इस पर अपर सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि बीती 14 सितंबर को जारी शासनादेश के अनुसार राज्य या राज्य के बाहर के सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों में उपचार के लिए सूचीबद्ध राजकीय चिकित्सालयों से इमरजेंसी को छोड़, सामान्य परिस्थितियों में रेफर होना आवश्यक है।
इमरजेंसी से मतलब ऐसी चिकित्सा समस्या से है, जिसमें तत्काल उपचार सुविधा प्रदान न करने पर मरीज का स्थायी रूप से चोट, विकृति, अंगहानि या मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के अंतर्गत 110 से भी अधिक प्रकार की चिकित्सकीय समस्याओं व बीमारियों को शामिल किया गया है। इन बीमारियों के मरीज को सूचीबद्ध निजी अस्पताल में उपचार के लिए सरकारी चिकित्सालय से रेफर होना आवश्यक नहीं है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह लाभार्थी तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए उचित माध्यमों से योजना का प्रचार-प्रसार करें। ताकि लाभार्थी मरीजों में भ्रम की स्थिति न रहे। राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि योजना लागू होने के बाद अब तक 43 मरीजों का उपचार आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत हो चुका है। इनमें से चार मरीज ही सरकारी अस्पतालों में भर्ती हुए हैं, जबकि 39 मरीजों को सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में उपचार की सुविधा मिल रही है।
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