रिस्पना और बिंदाल को प्राणवान बनाने का लिया संकल्प
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए आयोजित बैठक में विभिन्न क्ष
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए आयोजित बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने रिस्पना की स्वच्छता को चरणबद्ध योजना का खाका तैयार किया। अन्य संस्थानों से भी विचार विमर्श के बाद इस संबंध में पूरी कार्ययोजना तैयार कर मुख्य सचिव को सौंपी जाएगी। इसी तर्ज पर बिंदाल नदी की भी कार्ययोजना बनाई जाएगी। इल नदियों की कार्ययोजना में नगर निगम, ¨सचाई, पेयजल विभाग, सरकार, सेना, सामाजिक व शिक्षण संस्थाओं, संत, उद्योग जगत, नारी व युवा शक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
मंगलवार को परमार्थ निकेतन में परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में रिस्पना के दोनों ओर मिश्रित जंगल का रूप देने के लिए विशेष रूप से शौचालय निर्माण, रिस्पना के दोनों किनारों पर फलदार व फूलदार पौधे लगाने पर विचार किया गया। इसके साथ ही सीवेज को टेप करने, गीले एवं ठोस कचरे का निस्तारण, प्लास्टिक का निस्तारण एवं अन्य स्वच्छता संबंधी विषयों पर चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाई गई एवं विभिन्न विभागों को इसके लिए कार्यो का वितरण भी किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि रिस्पना नदी पहले ऋषिपर्णा के नाम से जानी जाती थी, यह देहरादून की धरोहर है। उन्होंने कहा कि गंगा को बचाना है तो पहले छोटी नदियों रिस्पना और बिंदाल को प्राणवान बनाना होगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एफआरआइ एवं सीएसआर के साथ भी आगामी बैठक की जाएगी। जिसके दो सप्ताह के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत के साथ विचार-विमर्श कर इस पूरी कार्ययोजना को बनाकर मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। बैठक में ईको टास्क फोर्स के कर्नल एचएस राणा, कचरा प्रबंधन के बैंगलुरू से आए विशेषज्ञ लक्ष्मण शास्त्री, मेंकिग ए डिफरेंस के संस्थापक अभिजय नेगी, विनोद बगियाल, करण कपूर, विशाल पांडे, राहुल गुरु, सुरेन्द्र पान्डे एवं अन्य उपस्थित थे।