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वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के उपायों में हो बदलाव

बदली परिस्थितियों में वन्यजीव अपराधों की रोकथाम को किए जाने वाले उपायों में भी बदलाव की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:22 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:21 AM (IST)
वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के उपायों में हो बदलाव
वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के उपायों में हो बदलाव

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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बदली परिस्थितियों में वन्यजीव अपराधों की रोकथाम को किए जाने वाले उपायों में भी बदलाव की जरूरत है। प्रमुख सचिव वन आनंद ब‌र्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हुई सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में ट्रैफिक इंडिया संस्था की ओर से यह सुझाव दिया गया। कहा गया कि इसके लिए वनकर्मियों के लिए छोटे-छोटे पाठ्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए। इससे वह नवीन तकनीकी के साथ ही अन्य कई जानकारियों से लैस होंगे।

प्रमुख सचिव वन ने राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्र में गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव विहार और अस्कोट अभयारण्य में चल रही सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए अब तक की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने उच्च हिमालयी क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण और ग्रामीणों की आजीविका विकास के मद्देनजर भारतीय वन्यजीव संस्थान, विश्व प्रकृति निधि, टैरी, जैवविविधता बोर्ड, वन अनुसंधान संस्थान समेत अन्य संस्थानों की ओर से किए जा रहे अध्ययन का ब्योरा भी लिया।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि अध्ययन संबंधी कार्याें में तेजी लाते हुए इन्हें जल्द पूरा किया जाए, ताकि इसके अनुरूप कदम उठाए जा सकें। उन्होंने अध्ययन रिपोर्ट के संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से भी मंथन करने को कहा। बैठक में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी, राज्य में सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के नोडल एवं मुख्य वन संरक्षक रंजन कुमार मिश्र समेत विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।


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