देहरादून, जेएनएन। कभी मशीन खराब, कभी जांच बंद और कभी एक बेड पर दो-दो मरीज। दून मेडिकल कॉलेज सुविधाओं से ज्यादा समस्याओं को लेकर चर्चाओं में रहता है। पर इस बार समस्या कुछ अलग है। दरअसल, कॉलेज का बुनियादी ढांचा तीन भाग में बंट गया है। एक कॉलेज, दूसरा इसका टीचिंग अस्पताल और तीसरा नया ओपीडी ब्लॉक। अफसर अब इस उलझन में हैं कि तीन भाग में मेडिकल कॉलेज संचालित करने पर कहीं एमसीआइ न आपत्ति लगा दे।
करीब चार साल पहले दून अस्पताल व दून महिला अस्पताल को एकीकृत कर मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल में तब्दील किया गया था। जबकि मेडिकल कॉलेज करीब दो किमी दूर देहराखास में बनाया गया है। छोटे राज्यों में एक जगह जमीन की उपलब्धता बड़ी चुनौती रहती है। इसलिए एमसीआइ ने यह छूट दी हुई है कि एक जगह जमीन न उपलब्ध होने पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल अलग-अलग संचालित किए जा सकते हैं, लेकिन दून मेडिकल कॉलेज का बुनियादी ढांचा ज्यादा बिखरा हुआ है।
वर्तमान समय में कॉलेज तीन भाग में बंट गया है। हुआ ये है कि अस्पताल में जगह की कमी को देखते हुए ओपीडी ब्लॉक अलग जगह बना दिया गया है। अस्पताल व नए ओपीडी ब्लॉक के बीच किसी तरह की कनेक्टिविटी भी नहीं है। ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दो बिल्डिंग के बीच भागमभाग करनी पड़ रही है। डॉक्टर नयी बिल्डिंग में बैठ रहे हैं, जबकि पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांच दूसरी बिल्डिंग में होती है। एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक जाने में भारी ट्रैफिक के बीच से मरीजों को गुजरना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि पुरानी बिल्डिंग से नई बिल्डिंग के बीच फुटओवर ब्रिज या अंडरपास बनना है, लेकिन कब बनेगा, इसका कोई जवाब नहीं है।
अंडरपास पर नगर निगम की आपत्ति दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय और नए ओपीडी ब्लॉक के बीच अंडरपास का निर्माण होना था। इसका काम भी प्रारंभ कर दिया गया था। पर नगर निगम बोर्ड ने इस पर रोक लगा दी। इसके पीछे तमाम तकनीकी कारण गिनवाए गए। कहा गया कि सड़क के नीचे पहले से ही नाला और सीवर लाइन गुजर रही है। वहीं अंडग्राउंड केबल का नेटवर्क भी बिछा है। लिहाजा अंडरपास का निर्माण होने से पूरा सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा। पर इस तर्क को प्रमाणित करती संबंधित विभागों की कोई रिपोर्ट नहीं लगाई गई। अब फुटओवर ब्रिज बनाने की बात की जा रही है, पर इसका भी कुछ अता पता नहीं है।
शासन ने भी मांगी है रिपोर्ट
अस्पताल और नई ओपीडी ब्लॉक के बीच लिंकेज की समस्या पर अपर सचिव स्वास्थ्य अरुणेंद्र चौहान ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक और प्राचार्य से रिपोर्ट मागी थी, लेकिन काफी समय बीत जाने पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। मरीजों को रोजाना यहां परेशानी झेलनी पड़ रही है।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि अस्पताल और नए ओपीडी ब्लॉक के बीच लिंकेज प्लान पर कवायद शुरू कर दी गई है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक की इस मसले पर जिलाधिकारी से भी बात हुई है। डीपीआर में फुटओवर ब्रिज का उल्लेख है। संबंधित विभागों और नगर निगम से बात कर जल्द इस पर निर्णय लेंगे। समय रहते इस समस्या का समाधान तलाश लिया जाएगा।
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