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पटरी पर आएगी दून की ट्रैफिक व्यवस्था, एमडीडीए बनाएगा आउटर रिंग रोड Dehradun News

लोनिवि व राजमार्ग विभाग के निरर्थक प्रयास के बाद अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने दून में आउटर रिंग रोड को धरातल पर उतारने का बीड़ा उठाया है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 12:09 PM (IST)
पटरी पर आएगी दून की ट्रैफिक व्यवस्था, एमडीडीए बनाएगा आउटर रिंग रोड Dehradun News
पटरी पर आएगी दून की ट्रैफिक व्यवस्था, एमडीडीए बनाएगा आउटर रिंग रोड Dehradun News

देहरादून, सुमन सेमवाल। पिछले एक दस वर्षों में दून की ट्रैफिक व्यवस्था बेहाल हो चुकी है और अब तक आउटर रिंग रोड की उम्मीद फाइलों में ही हिलोरे मार रही है। लोनिवि व राजमार्ग विभाग के निरर्थक प्रयास के बाद अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने रिंग रोड को धरातल पर उतारने का बीड़ा उठाया है। इस संबंध में एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने डिजिटल मास्टर प्लान तैयार कर रही मार्स कंपनी को निर्देश दिए हैं कि वह लोनिवि से आवश्यक रिकॉर्ड प्राप्त कर प्लान तैयार करना शुरू कर दे।

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एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, हरिद्वार, पांवटा साहिब, सहारनपुर, मसूरी की तरफ आने-जाने वाले वाहन शहर से ही होकर गुजरते हैं। ऐसे में पहले ही जमा से जूझ रहे शहर में स्थिति विकट हो जाती है। भविष्य में बाहरी रूट के वाहनों को शहर में प्रवेश कराए बिना ही गुजारने के लिए आउटर रिंग रोड का निर्माण बेहद जरूरी है। 

इसी बात को ध्यान में रखते हुए एमडीडीए ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। मार्स कंपनी की टीम के साथ ही एमडीडीए की टीम भी कार्ययोजना पर काम कर रही है। आने वाले कुछ महीनों में आउटर रिंग रोड का पूरा खाका सामने होगा। इसके तुरंत बाद रिंग रोड पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा दून के बाहरी क्षेत्र की मौजूदा सड़क को एक्सप्रेस-वे का रूप देने के लिए भी प्लान बनाया जा रहा है।

10 साल से चल रही कसरत

करीब 10 साल पहले आउटर रिंग रोड का प्लान लोनिवि ने तैयार किया था। हालांकि, चंद बैठकों से आगे कुछ नहीं हो पाया। इसके बाद राजमार्ग के अधिकारी भी इस कसरत में लगे रहे। अब तक की बैठकों में ङ्क्षरग रोड को लेकर काफी सपने बुने गए, मगर कोई भी धरातल पर ठोस योजना का रूप नहीं ले पाया। इस तरह आउटर रिंग रोड के प्लान को साकार करने के लिए एमडीडीए ने बड़ी चुनौती स्वीकार की है। 

गुजरात के टाउन एरिया प्लानिंग को दून में उतारा जाएगा

बैठक में एमडीडीए उपाध्यक्ष ने लोकल एरिया व टाउन एरिया प्लानिंग के लिए केंद्र सरकार की ओर से नामित डब्ल्यूआरआइ कंपनी को दून के लिए प्लानिंग की जिम्मेदारी सौंप दी है। एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर ने बताया कि दून के बाहरी क्षेत्रों में अभी भी कई खाली स्थान हैं। इन क्षेत्रों में सुनियोजित विकास हो सके, इसके लिए गुजरात के मॉडल के आधार पर टाउन एरिया प्लानिंग की जाएगी। 

वहीं, जो लोकल एरिया पहले से बस चुके हैं, उनमें भी आवश्यक सुधार के लिए लोक एरिया प्लानिंग की जाएगी। हालांकि, यह सब स्थानीय लोगों व कारोबारियों के सहयोग के बिना संभव नहीं। प्लान तैयार करने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय से ग्रांट प्राप्त होगी। वहीं, इस काम में उत्तराखंड नगर एवं नगर नियोजक कार्यालय व शहरी विकास निदेशालय का भी सहयोग लिया जा रहा है।

मास्टर प्लान के सेटेलाइट चित्रों का अवलोकन

एमडीडीए उपाध्यक्ष ने बैठक के दौरान डिजिटल मास्टर प्लान के लिए नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) से प्राप्त सेटेलाइट चित्रों का भी अवलोकन किया। उन्होंने अब तक के काम पर संतोष व्यक्त करते हुए तय समय पर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।   

अवैध प्लॉटिंग पर रेरा ने एमडीडीए से मांगा जवाब

दून में अवैध प्लॉटिंग के एक मामले में उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) से जवाब मांगा है। एमडीडीए को भेजे गए पत्र में रेरा अध्यक्ष ने आवास विभाग के शासनादेश के अनुरूप प्लॉटिंग करने वालों को ब्लैक लिस्ट करने पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

रेरा में हर्रावाला-मियांवाला के बीच 13.5 बीघा भूमि पर बिना ले-आउट पास कराए व रेरा में पंजीकरण कराए बिना प्लॉटिंग करने का मामला गतिमान है। प्रकरण में एमडीडीए अवैध प्लॉटिंग को 26 अगस्त व 18 अक्टूबर को ध्वस्त कर चुका है। 

प्लॉटिंग करने वाले लोगों ने पहले महज 2000 वर्गमीटर भूमि का ले-आउट प्लान एमडीडीए में दाखिल किया था और जब इससे बात नहीं बनी तो पूरे 13.5 बीघा भूमि का प्लान भी दाखिल कर दिया गया।

वहीं, रेरा की सुनवाई में यह बात सामने आई कि आवास विभाग के संशोधित शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी अवैध प्लॉटिंग को दूसरी बार ध्वस्त किया जाता है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति/संस्था/फर्म आदि की किसी भी परियोजना को प्रदेशभर में मंजूरी नहीं दी जाएगी। 

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इस नियम को स्पष्ट करने के लिए रेरा ने अपने पत्र के साथ शासनादेश की प्रति भी एमडीडीए को भेजी है। एमडीडीए सचिव जीसी गुणवंत ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि शासनादेश के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी और उसी क्रम में रेरा को भी जवाब भेज दिया जाएगा।

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