ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक ने किया कड़ा रुख अख्तियार, अब जितनी राजस्व वसूली उतना ही मिलेगा वेतन
र्जा निगम के प्रबंध निदेशक ने राजस्व वसूली और लाइन लॉस को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने राजस्व वसूली के आधार पर ही कार्मिकों को वेतन जारी किए जाने का आदेश दिया है। हालांकि इस आदेश को तुगलकी फरमान ठहराते हुए कार्मिकों ने इसका विरोध किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक ने राजस्व वसूली और लाइन लॉस को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने राजस्व वसूली के आधार पर ही कार्मिकों को वेतन जारी किए जाने का आदेश दिया है। हालांकि, इस आदेश को तुगलकी फरमान ठहराते हुए कार्मिकों ने इसका विरोध किया है। साथ ही एमडी से इस आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई है।
शुक्रवार को ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. नीरज खैरवाल ने आदेश जारी किया कि फील्ड अधिकारियों का वेतन राजस्व वसूली और लाइन लॉस रोकने में उपलब्धि के आधार पर ही तय किया जाएगा। आदेश में लिखा गया है कि देखा जा रहा है राजस्व वसूली के लिए निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष वसूली नहीं की जा रही है। इस संबंध में निगम की 96वीं बोर्ड बैठक में भी नाराजगी जाहिर की गई थी। साथ ही फील्ड अधिकारियों की जिम्मेदारी तय किए जाने के निर्देश दिए गए थे। लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली करने और लाइन लॉस को कम करने के आदेश दिए गए हैं।
व्यवहारिकता के आधार पर निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध वसूली और लाइन लॉस कम नहीं किया जाता है तो संबंधित उपखंड अधिकारी, अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। ऐसे में उन्हें वेतन उसी प्रतिशत में आहरित किया जाएगा जितना कि वह निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध वसूली सुनिश्चित करेंगे। कम राजस्व की भरपाई वेतन से की जा सकती है।
कार्मिकों के विरोध के स्वर, आदेश वापस लेने की मांग
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष जेसी पंत ने कहा कि ऊर्जा निगम के सभी अभियंता, अवर अभियंता और कार्मिक कोरोना काल में भी लगातार अपने कार्यों को पूरी निष्ठा के साथ संपादित कर रहे हैं। साथ ही निगम के नुकसान को कम करने और राजस्व वसूली को भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि, प्रबंध निदेशक का आदेश कि लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली में होने पर संबंधित अभियंताओं और कर्मचारियों के वेतन से रिकवरी की जाएगी यह बेहद निराशाजनक है। जिससे कार्मिकों का मनोबल गिर रहा है। कोरोना काल में उपभोक्तओं की भुगतान क्षमता घटी है। सभी कार्मिक पूरे मनोयोग से राजस्व वसूली में लगे हैं। यदि इस प्रकार की कोई भी कार्रवाई कर्मचारियों के विरुद्ध की जाती है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
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