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पूरे शहर पर हो तीसरी आंख की नजर तभी मिलेगी क्राइम से निजात

वर्तमान में अपराध के खुलासों पर गौर करें तो पचास से सत्तर फीसद खुलासे सीसीटीवी कैमरों की मदद से हो रहे।

By Gaurav TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 02:59 PM (IST)
पूरे शहर पर हो तीसरी आंख की नजर तभी मिलेगी क्राइम से निजात

खुशनुमा आबोहवा की पहचान और वरिष्ठजनों के पसंदीदा शहर देहरादून में जिस तरह अपराध बढ़ रहे हैं, उससे कहीं न कहीं सुकून पर असर पड़ा है। अपराधी चाहे अपने शहर में हों या दूसरे राज्यों से आए हुए, वे शहर में बेचैनी पैदा कर रहे। जरूरत है शहर में पूरी तरह नाकेबंदी की और यह तभी संभव है, जब समूचा देहरादून 'तीसरी आंख' यानी सीसीटीवी कैमरों की जद में हो।

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ताकि, अपराध करने वाला जब सड़क पर निकले तो उसके दिल में खौफ हो कि हर जगह उस पर निगाह बनी हुई है। यही खौफ हमेशा बना रहना चाहिए। यह मानना है सिविल डिफेंस, देहरादून के उप प्रभागीय वार्डन योगेश अग्रवाल का। साथ ही वह जनजागरण पर भी जोर देते हुए कहते हैं कि सभी को समझना होगा कि यह हमारा शहर है और इसे सुरक्षित बनाने में भी अपना योगदान देना होगा।

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...सुकून की सांस ले सके दून
वह कहते हैं कि अपराध केवल चोरी, हत्या, डकैती या लूट को ही मन मानिए, सड़क पर बेफिक्र बगैर हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग, जिग-जैग मोशन में वाहन संचालन भी अपराध का ही एक हिस्सा है। अगर ये सभी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होंगे तो शहर सुकून की सांस ले सकेगा। यूं तो शहर में निजी प्रतिष्ठानों या घरों के बाहर भी आजकल सीसी कैमरे हजारों की संख्या में लगे हुए हैं। ये कैमरे भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सहायता साबित हो रहे। अपराध के दौरान अक्सर देखा जाता है कि पुलिस आसपास में लगे सीसी कैमरों को खंगालती है। वर्तमान में अपराध के खुलासों पर गौर करें तो पचास से सत्तर फीसद खुलासे सीसी कैमरों की मदद से हो रहे। कहीं वाहन का नंबर कैद हो जाता है तो कहीं अपराधी का चेहरा।

यातायात नियंत्रण में बेहद कारगर
यातायात नियंत्रण में सक्रिय सहयोग देने वाले सिविल डिफेंस के उप प्रभागीय वार्डन अग्रवाल कहते हैं कि दून में जिस हिसाब से आबादी बढ़ी है, उसी अनुपात में वाहनों का दबाव भी बढ़ा है। अलबत्ता, बढ़ते वाहनों के हिसाब से आधारभूत ढांचा पहले जैसा ही है।

नतीजा, अनियंत्रित यातायात के रूप में सामने आया है। वह कहते हैं यातायात नियमों के अनुपालन के लिए पुलिस तो अपना काम कर ही रही है, आमजन को भी जागरूक होना होगा। अग्रवाल यह भी कहते हैं कि अन्य शहरों की भांति यातायात नियंत्रण में भी सीसी कैमरों का इस्तेमाल किया जाना लाभकारी होगा।

वर्तमान में 45 कैमरे, 13 खराब
पुलिस के आंकड़ों का हवाला देते हुए योगेश अग्रवाल कहते हैं कि मौजूदा समय में शहर में 45 सीसी कैमरे लगे हुए हैं। रखरखाव के अभाव में इनमें 13 कैमरे बंद पड़े हैं। पूरी तरह नाकेबंदी के लिए शहर में सौ से अधिक कैमरों की जरूरत है। इसके साथ ही प्रिंस चौक पर प्रयोग के लिए गत दिनों नए कैमरे भी लगाए गए हैं तो सिर्फ वाहन नंबर पर फोकस करते हैं।

120 कैमरे, 250 मोबाइल का प्रस्ताव
वह कहते हैं कि हाईटेक तकनीक के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों की जद में न सिर्फ शहर बल्कि, इससे जुड़े क्षेत्रों के साथ ही पूरे देहरादून जिले में इसके लिए कदम उठाए जाने चाहिएं। यानी पूरा शहर, देहात और सड़कें इन कैमरों की निगरानी में होंगी तो अपराधों पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा। हालांकि, इसके लिए पुलिस महकमे की ओर से 120 सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही 250 मोबाइल खरीदने का प्रस्ताव है। दून की सुरक्षा के लिहाज से इस मसौदे को जल्द से जल्द धरातल पर क्रियान्वित किया जाना चाहिए।

पांच करोड़ का बजट मंजूर
हाईटेक तकनीक से लैस होने के लिए दून पुलिस की ओर से पुलिस मुख्यालय को करीब पांच करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव भेजा गया था। बताया जा रहा कि बजट पास हो चुका है। आने वाले दो-तीन माह में पूरे पूरे जिले को हाईटेक तकनीक से लैस कर दिया जाएगा। यातायात एवं सुरक्षा के तहत बजट की एक किस्त पौने दो करोड़ रुपये की पहले ही जारी हो गई थी। इस पहल से पुलिसकर्मी सड़क या चौराहे पर अपराधियों पर तीसरी आंख से निगरानी कर सकेंगे। यातायात नियम तोडऩे वालों पर भी लगाम कसेगी।

जगह-जगह होर्डिंग दे रहे सुरक्षा व ट्रैफिक नियमों की जानकारी
आमजन को अपनी सुरक्षा कैसे करनी है और वाहन चलाने में यातायात के किन-किन नियमों का पालन करना है, इसके लिए पूरे शहर में होर्डिंग लगे हुए हैं। बाहर से आने वाले लोगों के लिए चार प्वाइंट-नंदा की चौकी चकराता रोड, जोगीवाला में हरिद्वार रोड, आइएसबीटी सहारनपुर रोड व मसूरी डायवर्जन पर होर्डिंग लगे हैं। इसके साथ ही शहर में दो दर्जन अन्य जगहों पर भी होर्डिंग लगाकर महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस किया गया है। अग्रवाल कहते हैं कि जागरूकता की इस पहल को और बढ़ाया जाना चाहिए।

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