व्यापारियों को राहत, महापौर ने निरस्त किया लाइसेंस शुल्क Dehradun News
व्यापारियों के लिए सिरदर्द बने लाइसेंस शुल्क पर नगर निगम ने पांव खींच लिए हैं। महापौर सुनील उनियाल गामा ने फिलहाल लाइसेंस शुल्क निरस्त करने के आदेश दिए।
देहरादून, जेएनएन। पिछले दस दिनों से व्यापारियों के लिए सिरदर्द बने लाइसेंस शुल्क पर नगर निगम ने पांव खींच लिए हैं। लगातार विरोध होने एवं व्यापारियों की ओर से तीन फरवरी को देहरादून बाजार बंद के एलान के बाद सोमवार को महापौर सुनील उनियाल गामा ने फिलहाल लाइसेंस शुल्क निरस्त करने के आदेश दिए। महापौर ने व्यापारियों को भरोसा दिया कि शुल्क पर जब भी दोबारा कसरत होगी, व्यापारियों को राय-मश्वरे के लिए बुलाया जाएगा।
नगर निगम की सीमा में व्यवसाय करने पर सालाना व्यवसायिक शुल्क लगाए जाने की कसरत पहले ही पायदान पर धड़ाम हो गई। भवन कर से अलग अस्पताल, शराब की दुकानों, होटलों, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, ट्रासंपोर्टर और जूते-कपड़े के शोरूम समेत कोचिंग सेंटर व निजी स्कूल तक को इसमें शामिल गया था। निगम 111 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर फरवरी से पांच सौ से करीब एक लाख तक के सालाना लाइसेंस शुल्क लेने की तैयारी में था। शुल्क जुलाई-1999 में 30 श्रेणी से शुरू हुआ था, जिसमें ताजा संख्या 111 हो गई थी। निगम की ओर से दस दिन पहले प्रस्तावित शुल्क सार्वजनिक कर इस पर आपत्तियां मांगी थीं। इसके बाद ही व्यापारी सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे थे।
लाइसेंस शुल्क के विरोध में शनिवार को दून उद्योग व्यापार मंडल की गीता भवन में हुई बैठक में अध्यक्ष विपिन नागलिया और महामंत्री सुनील मैसोन ने तीन फरवरी को दून बंद का एलान किया था। इससे पहले सोमवार 27 जनवरी को महापौर से मिलने की बात कही थी। तय कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को सैकड़ों व्यापारी जुलूस के रूप में निगम पहुंचे व लाइसेंस शुल्क के विरुद्ध नारेबाजी की। व्यापारियों ने कहा कि केंद्र ने जब जीएसटी लगाया था तब दावे किए थे कि सभी प्रकार के टैक्स इसमें शामिल कर लिए गए हैं, मगर अब तरह-तरह के टैक्स व्यापारियों पर लगाए जा रहे हैं।
व्यापारियों की कमर मंदी से पहले ही टूटी हुई है, ऐसे में लाइसेंस शुल्क उनके लिए नई चोट जैसा है। व्यापारियों ने कहा कि जब वकीलों से लाइसेंस शुल्क वापस ले लिया गया है तो फिर व्यापारी को ही क्यों परेशान किया जा रहा है। हंगामे के बीच ही महापौर गामा भी वहां पहुंच गए। व्यापारियों ने उन्हें बाहर ही घेर लिया और अपना ज्ञापन दिया। व्यापारी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल गोयल भी इस बीच निगम आ पहुंचे। महापौर ने चारों तरफ से बने दबाव व शुल्क की प्रस्तावित दरों को अव्यवहारिक मानते हुए फिलहाल इसे निरस्त करने का आदेश दिया।
इन प्रतिष्ठानों व वाहनों को लाइसेंस शुल्क से मिली फिलहाल राहत
- प्रतिष्ठान: बैंकट हॉल, होटल लॉजिंग, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, अस्पताल, नर्सिंग होम, प्रसूति गृह, पैथोलॉजी सेंटर, सीटी स्कैन-एक्स रे सेंटर, डाईग्नोस्टिक सेंटर, मेडिकल शॉप, आयुर्वेदिक शॉप, डेंटल क्लीनिक, प्राइवेट क्लीनिक, प्राइवेट पशु चिकित्सा क्लीनिक।
- परिवहन: ट्रांसपोर्ट एजेंसी, ऑटो, बस, विक्रम, ट्राली, टैंकर, टैक्सी, ऑटो सेल्स एंड सर्विस सेंटर, साइकिल व रिक्शा बिक्री दुकान
- पेट्रोलियम: पेट्रोल पंप, जनरेटर डीजल व्यवसायिक, पेट्रोलियम व मोबिल ऑयल पदार्थ की दुकानें।
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- अन्य व्यवसाय: आटा चक्की, धुलाई गृह, ड्राइक्लीनर, साबुन फैक्ट्री, आइसक्रीम व सोडा फैक्ट्री, कबाड़ी, चूना भट्टा, जूते व कपड़ों के शोरूम या दुकान, लोहा, ईंट, रेता, मारबल, सेनेटरी, हार्डवेयर, टिंबर व टाइल्स के विक्रेता, बिजली के सामान की दुकान, बेकरी, हेयर कटिंग सैलून, ब्यूटी पार्लर, कुकिंग गैस एजेंसी, जनरल स्टोर, टेलरिंंग हाउस, ज्लेवर्स की दुकान, डेयरी, विज्ञापन एजेंसी, भूसा स्टोर, केबिल-डिश टीवी कनेक्शन विक्रेता, आर्किटेक्ट, विधि चार्टेड, कंसलटेंट, अकाउंटेंट, फाइनेंस व चिट-फंड कंपनी, बीयर बार, टेंट हाउस, बुक शॉप, मिठाई की दुकान, फल-सब्जी की दुकान, देसी और अंग्रेजी शराब दुकान, मांस दुकान, फर्नीचर शॉप, स्टोन क्रशर, डीजे साउंड दुकान, एंप्लीफायर लाइसेंस, बैंड, फोटो स्टूडियो, साइबर कैफे, वीडियो गेम शॉप, मोबाइल टॉवर, लोहार, मेला व प्रदर्शनी, धर्मकांटा, जिम, सिनेमा हॉल, प्रापर्टी डीलर, फ्लावर नर्सरी।
- शिक्षण: प्राइवेट स्कूल, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र व कोचिंग सेंटर।
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