सीबीएसई ने लिया अहम फैसला, शहीद की बेटी बाद में दे सकेगी बोर्ड एग्जाम
सीबीएसई ने शहीद मोहन लाल रतूड़ी की बेटी गंगा के लिए अलग से बोर्ड परीक्षा कराने की अनुमति दे दी है।
देहरादून, जेएनएन। बोर्ड एग्जाम देने वाले शहीदों के बच्चों के मामले में सीबीएसई के फैसले से शहीद मोहन लाल रतूड़ी की बेटी गंगा को बड़ी राहत मिली है। बोर्ड ने गंगा के लिए अलग से परीक्षा कराने की अनुमति दे दी है। सीबीएसई ने हाल में शहीदों के बच्चों का परीक्षा केंद्र बदलने व एग्जाम बाद में कराने के लिए सकुर्लर जारी किया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देहरादून निवासी मोहन लाल रतूड़ी भी शहीद हुए थे, वे सीआरपीएफ में एएसआइ थे। उनका परिवार कांवली रोड पर किराए के मकान में रह रहता है। परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटिया और दो बेटे हैं। बड़ी बेटी अनुसूया की 2012 में शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा शकर ऋषिकेश में योगाचार्य है। वैष्णवी बीए कर चुकी हैं। जबकि बेटी गंगा केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी सीमाद्वार में 12वीं और सबसे छोटा बेटा श्रीराम 9वीं का छात्र है।
गंगा की बड़ी बहन वैष्णवी ने बताया कि उनका परिवार अपने पैतृक गांव में रह रहा है और परिवार अभी भी सदमे से बाहर नहीं आ पाया है। साथ ही घर में ऐसा माहौल है कि उनकी बहन बोर्ड एग्जाम की तैयारी नहीं की कर पाई है। ऐसे में गंगा की ओर से स्कूल में दरख्वास्त देकर बोर्ड एग्जाम से राहत देने की मांग की थी। सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि गंगा के प्रार्थना पत्र से मुख्यालय को सूचित कर दिया गया है। गंगा के एग्जाम सीबीएसई के नए निर्देश के बाद तय होंगे।
ये है सीबीएसई के निर्देश
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश जारी किया था कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के शहीदों के परिजन सदमे में हैं। शहीद जवानों के बच्चे, जो दसवीं व 12वीं के एग्जाम दे रहे हैं, उन्हें राहत दी जाए। इसमें एक ही शहर के भीतर परीक्षा केंद्र में बदलाव या एक शहर से दूसरे शहर में केंद्र परिवर्तन को आवेदन किया जा सकता है। साथ ही किसी भी विषय की परीक्षा छात्र बाद में भी दे सकता है। यदि किसी का प्रैक्टिकल छूट गया है तो उसे 10 अप्रैल से पहले कराया जा सकता है।
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