शहीद का साढ़े तीन साल का बेटा बोला, भेज दो कश्मीर; दुश्मनों को मार गिराऊंगा
टीवी पर आतंकी हमले की खबर देख शहीद का महज साढे तीन साल का बेटा कहता है कि उसे कश्मीर भेज दो वो सभी दुश्मनों को मार गिराएगा।
देहरादून, जेएनएन। पुलवामा में आतंकी हमले के विरोध में पूरा देश आक्रोशित है। हर तरफ आतंक को मुहंतोड़ जवाब देने की गूंज सुनाई पड़ रही है। जिन परिवारों ने आतंकी हमलों में अपनों को खोया है, उनके लिए यह हमला जख्मों को हरा करने जैसा है। शहीदों के परिवारों की एक ही मांग है कि पाकिस्तान को उसकी करतूत का मुहंतोड़ जवाब दिया जाए। इस गुस्से का अंदाजा पिछले साल कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए जांबाज दीपक नैनवाल के बेटे रेयांश की आंखों में भी साफ देखा जा सकता है। रेयांश महज साढ़े तीन साल का है और जैसे ही उसने टीवी पर आतंकी हमले की खबर देखी, उसका खून खौल उठा।
रेयांश की मां और शहीद दीपक नैनवाल की वीरांगना ज्योति नैनवाल ने बताया कि नर्सरी में पढ़ने वाला उनका बेटा अक्सर कहता है कि उसे भी पापा की तरह बहादुर बनकर आतंकवादियों से लड़ना है। गुरुवार को जब उसने हमले की बात सुनी तो कहना लगा कि उसे कश्मीर भेज दो वह सभी दुश्मनों को मार देगा।
यह महज एक बच्चे की जुबां नहीं, बल्कि उस भावना का प्रतिबिंब है, जो इस समय देश के लोगों में उबाल मार रही है। पिछले साल 10 फरवरी को कश्मीर में देश रक्षा में शहीद हुए हवलदार राकेश रतूड़ी के चाचा शेखरानंद रतूड़ी का कहना है कि इस तरह की घटना के बाद हर तरफ बयानबाजी का दौर शुरू हो जाता है।
अब केंद्र सरकार और विपक्ष को बयानबाजी बंद कर एकजुट होकर आतंक के खात्मे के लिए खड़ा होना पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि आतंकियों की पनहगार बने पाकिस्तान को सबक सिखाकर ही दम ले। इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ सहयोग के सभी रास्ते बंद कर देने चाहिए। ताकि पूरी दुनिया देख सके कि भारत को आंख दिखाने का क्या हश्र होता है।
वहीं, मुंबई हमले में शहीद हुए जांबाज गजेंद्र बिष्ट की वीरांगना विनीता बिष्ट इस हमले से बेहद आहत हैं। वह सवाल पूछती हैं कि ऐसा कब तक चलता रहेगा। इस तरह की घटनाओं से पूरा देश सिहर उठता है और लोगों में भय का माहौल घर कर जाता है। जिस तरह से सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ रहे हैं, यह बेहद चिंता की बात है। केंद्र सरकार से उनकी मांग है कि अब बातचीत की जगह आतंकियों के घर में घुसकर उनका खात्मा करें। तभी इस तरह के दुस्साहस पर अंकुश लगेगा।
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