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Indian Army Day 2020: सेना दिवस पर शहीद मेजर चित्रेश को वीरता का सम्मान Dehradun News

शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत सेना मेडल मिला है। बीती 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को घोषित हुए वीरता पदकों की सूची में इस वीर जांबाज का नाम शामिल था।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 08:03 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:03 AM (IST)
Indian Army Day 2020: सेना दिवस पर शहीद मेजर चित्रेश को वीरता का सम्मान Dehradun News
Indian Army Day 2020: सेना दिवस पर शहीद मेजर चित्रेश को वीरता का सम्मान Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत 'सेना मेडल' मिला है। बीती 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को घोषित हुए वीरता पदकों की सूची में इस वीर जांबाज का नाम शामिल था। सेना दिवस पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम मे थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शहीद चित्रेश बिष्ट के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट को यह मेडल सौंपा। 

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मरणोपरांत अपने लाडले की वीरता का पदक अपने हाथ में देख पिता की आंखे जरूर नम थी, लेकिन गर्व से सीना भी चौड़ा था। देश की हिफाजत करते हुए कुर्बान हुए इस जांबाज युवा अफसर ने देवभूमि को गौरवान्वित किया है।

शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट दून के ओल्ड नेहरू कॉलोनी के रहने वाले थे। पिछले वर्ष 16 फरवरी को रजौरी के नौशेरा सेक्टर में हुए आइईडी ब्लास्ट में शहीद हो गए थे। आतंकियों ने एलओसी क्रॉस कर यहां पर आइईडी लगाया हुआ था। सूचना मिलने पर सैन्य टुकड़ी ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इंजीनियङ्क्षरग कोर में तैनात मेजर चित्रेश बिष्ट को आइईडी डियूज्ड करने में महारथ हासिल थी। 

इसी बीच आइईडी ब्लास्ट होने से वह शहीद हो गए। सेना का एक जवान भी इस ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हुआ था। मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील के अंतर्गत पिपली गांव के रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट का परिवार देहरादून के ओल्ड नेहरू कॉलोनी में रहता है। उनके पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट उत्तराखंड पुलिस से इंस्पेक्टर पद से रिटायर हैं। 

सरहद पर शहादत के दौरान मेजर चित्रेश की उम्र 28 साल की थी। भारतीय सैन्य अकादमी से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर वह वर्ष 2010 में पास आउट हुए थे। मेजर चित्रेश की शहादत की खबर उस समय आई, जबकि उनके घर पर शादी की तैयारियां चल रही थी। क्योंकि मेजर चित्रेश की शादी सात मार्च 2019 को होनी थी। शादी के कार्ड भी बंट चुके थे। इससे पहले दून का यह लाल देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। 

सेना दिवस पर शहीदों को किया नमन

सेना दिवस के अवसर पर विभिन्न युद्ध व ऑपरेशन में शहीद हुए सैनिकों की शहादत को याद किया गया। उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय के सैन्य अधिकारियों व जवानों ने लाल गेट युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। सब एरिया के डिप्टी जनरल ऑफिसर कमांडिंग ब्रिगेडियर एसएन सिंह, स्टेशन कमांडर कर्नल तुषार कथूरिया, कर्नल पृथ्वीराज सिंह, कर्नल रणवीर सिंह, रिटायर ले. जनरल आनंद स्वरूप आदि ने युद्ध स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित कर शहीद सैनिकों की शहादत को नमन किया। 

सैन्य अधिकारियों ने कहा कि वीर सैनिकों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वहीं भारतीय सैन्य अकादमी में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। अकादमी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, जवानों व कैडेटों ने आइएमए युद्ध स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। 

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क्लेमेनटाउन स्थित सेना की 14 डिवीजन के सैन्य अधिकारियों व जवानों ने भी शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। बता दें, हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश आजाद होने के बाद वर्ष 1948 में आज ही के दिन जनरल केएम करिअप्पा (बाद में फील्ड मार्शल) के हाथ भारतीय सेना की कमान सौंपी गई थी। वह सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ थे। इससे पहले भारतीय सशस्त्र सेनाओं की कमान ब्रिटिश कमांडर इन चीफ एफआरआर बुचर के हाथों में थी।

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