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विवाह अनुदान की पुरानी व्यवस्था पर लगाई रोक, जानिए वजह

विवाह अनुदान योजना की पुरानी व्यवस्था पर जिला समाज कल्याण कार्यालय ने रोक लगा दी है। अब पात्र विवाह से पहले अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 03:28 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 03:28 PM (IST)
विवाह अनुदान की पुरानी व्यवस्था पर लगाई रोक, जानिए वजह
विवाह अनुदान की पुरानी व्यवस्था पर लगाई रोक, जानिए वजह

देहरादून, जेएनएन। विधवा बेटी विवाह अनुदान योजना की पुरानी व्यवस्था पर जिला समाज कल्याण कार्यालय ने रोक लगा दी है। अब पात्र विवाह से पहले अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। नई व्यवस्था में अब आवेदन करते समय विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र भी दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा। जबकि, पहले अनुदान राशि जारी होने पर विवाह प्रमाण-पत्र दिखाना होता था। 

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दरअसल, समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विधवाओं की बेटी विवाह अनुदान योजना में वर्ष 2016 में शासनादेश जारी हुआ था। इसमें नियम था कि आवेदन प्रक्रिया में पात्रों को विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र भी दिखाना जरूरी है। लेकिन, देहरादून जिले में इसका पालन नहीं हो पा रहा था। बिना पंजीकरण प्रमाण-पत्र के ही आवेदन स्वीकार किए जा रहे थे। अब विभाग ने इस व्यवस्था पर रोक लगा दी है। 

जिला समाज कल्याण अधिकारी जीत सिंह रावत ने बताया कि विधवा बेटी विवाह आवेदन की नई प्रक्रिया में पात्रों को आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेजों के साथ विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि जमा करनी अनिवार्य होगी। जांच में विवाह पंजीयन सही पाए जाने पर ही विवाह अनुदान राशि जारी की जाएगी। अन्यथा, आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। 

क्या है योजना 

समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इस योजना में विधवाओं की बेटियों के विवाह में अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें 50 हजार रुपये की मदद दी जाती है। इस योजना का लाभ किसी भी जाति की विधवा महिलाएं ले सकती हैं। बीपीएल परिवार की पात्रता निर्धारित है। 

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