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उत्तराखंड: महिला सशक्तीकरण को बढ़ रहे कदम, महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए हर जिले में खुले शक्ति केंद्र

महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में तेजी से कदम आगे बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे अहम इस साल नंदा गौरा कन्या धन योजना में 80 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। इस योजना से 42184 बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 03:43 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 03:43 PM (IST)
उत्तराखंड: महिला सशक्तीकरण को बढ़ रहे कदम, महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए हर जिले में खुले शक्ति केंद्र
उत्तराखंड: महिला सशक्तीकरण को बढ़ रहे कदम।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में तेजी से कदम आगे बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे अहम इस साल नंदा गौरा कन्या धन योजना में 80 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। इस योजना से 42184 बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। वहीं महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए हर जिले में महिला शक्ति केंद्र खोले गए हैं। वहीं, पीड़ित महिलाओं की मदद को वन स्टाप सेंटर खोले गए हैं। 

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प्रदेश में इस समय महिला सशक्तीकरण पर सरकार ने विशेष फोकस रखा हुआ है। इसके लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसमें एक प्रमुख योजना है नंदा गौर कन्या धन योजना। इस योजना का मकसद बाल विवाह को रोकना, शिक्षित करना और कन्याओं को आर्थिक लाभ देना है। इस योजना के तहत एक ही परिवार में दो कन्याओं को जन्म के साथ एक-एक हजार रुपये दिए जाते हैं। इस बार 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर उन्हें 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा एक और प्रमुख योजना है महिला पुलिस वालंटियर। 

इस योजना में महिलाओं की भर्ती की जाती है। ये महिलाएं अपने आस पड़ोस में पीड़ित महिलाओं के संबंध में जानकारी विभाग को उपलब्ध कराती हैं। इसके लिए इन्हें एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय भी दिया जाता है। इस योजना के तहत अभी हरिद्वार व देहरादून में 13-13 हजार महिलाओं की भर्ती भी की गई है। वन स्टाप सेंटर योजनाइस योजना के तहत महिलाओं और बच्चों के साथ किस भी प्रकार की हिंसा होने पर एक ही स्थान पर चिकित्सा सुविधा, कानूनी सुविधा, परामर्श और मुकदमा दर्ज करने आदि की व्यवस्था की गई है। 

प्रदेश में प्रत्येक वर्किंग वूमन हास्टल में वन स्टाप सेंटर बनाए गए हैं। इसका काफी फायदा भी मिल रहा है।महिला शक्ति केंद्रइस योजना के तहत प्रदेश के हर जिले में 13 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों के जरिये जिले के प्रत्येक ब्लाक में तीन-तीन कार्मिक रखे गए हैं। इनका कार्य महिलाओं को जागरूक कर उनकी समस्याओं के निस्तारण में मदद करना है। इन में 12 वीं पास बालक-बालिकाओं को सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में चिह्नित किया जाता है। जिन्हें छह माह में 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है।

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