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भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव बोले, आत्मनिर्भर बनकर संवारें वर्तमान और भविष्य

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव ने कहा कोरोना महामारी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। खासकर युवाओं को यह सीख लेनी चाहिए कि आत्मनिर्भर बनने से ही उनका आत्मसम्मान बरकरार रहेगा।

By Edited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 02:49 PM (IST)
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव बोले, आत्मनिर्भर बनकर संवारें वर्तमान और भविष्य
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव बोले, आत्मनिर्भर बनकर संवारें वर्तमान और भविष्य

देहरादून, जेएनएन। कोरोना महामारी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। खासकर युवाओं को यह सीख लेनी चाहिए कि आत्मनिर्भर बनने से ही उनका आत्मसम्मान बरकरार रहेगा। युवाओं को स्वरोजगार की राह अपनाकर दूसरों को भी रोजगार देना चाहिए। यह बातें भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव ने यंग थिंकर्स मीट में कहीं। 

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देहरादून के राजपुर रोड स्थित आइएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय में आयोजित ऑनलाइन यंग थिंकर्स मीट में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव ने युवाओं में जोश भरा। उन्होंने कहा कि इस कोरोनाकाल में देशवासियों ने जरूरत पर एक-दूसरे की हर प्रकार से मदद की। यह दर्शाता है कि हम आज भी एक परिवार हैं। राम माधव ने युवाओं से कहा कि वे न केवल राष्ट्र का भविष्य हैं, बल्कि वर्तमान भी हैं। उन्हें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के साथ जीने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा। तभी 2030 तक हम शक्तिशाली आत्मनिर्भर भारत बना पाएंगे। 
चीन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 1980 तक हमारी और उनकी जीडीपी बराबर थी, पर आज वह हमसे पांच गुना अधिक है। वहा तत्कालीन शासकों ने नारा दिया कि 'नो डिस्कशन लेट्स डू इट' और अगले 20 साल तक केवल और केवल आर्थिक विकास पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि इजराइल ने कोई मॉडल फॉलो न कर प्रत्येक क्षेत्र में नए शोध किए और आज डिफेंस, कृषि, जल संचय और अनेक विषयों में वे अन्य को भी प्रेरणा दे रहे हैं। आजादी के बाद के परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि जब भी गाधी से भविष्य के भारत के स्वरूप पर प्रश्न होते थे। वह केवल एक शब्द बोलते थे 'रामराज्य'। जिसका मतलब था, ग्रामीण भारत और सामान्य व्यक्ति की देश के विकास में भागीदारी। 
प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को प्रोग्रेसिव बताते हुए उन्होंने एक घटना का जिक्र किया कि 1953 में जब नेहरू लालबहादुर शास्त्री आइएएस अकादमी मसूरी आए थे, उन्होंने लगभग एक घटे समाजवाद पर भाषण दिया था। अंत में एक युवा अधिकारी ने पूछा कि आपका पिछले एक घटे का भाषण शानदार है, पर इसमें सभी उदाहरण यूरोप के हैं। इनका भारत में संदर्भ क्या है? तो नेहरू ने उत्तर दिया कि आपका प्रश्न मूल रूप से बहुत अच्छा है, पर अभी मुझे सिर दर्द है, इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखते हैं। उत्तराखंड के संदर्भ में राम माधव ने कहा कि यहा स्किल डेवलपमेंट उत्तराखंड के लिए ही होना चाहिए। 
उत्तराखंड को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल की तरह कुछ मूलभूत अधिकार मिलने चाहिए। यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। उत्तराखंड के लोग आज देश और दुनिया पर अपनी योग्यता से छाए हुए हैं। जनरल बिपिन रावत, अजीत डोभाल और अन्य कई प्रतिभाएं आज सर्वोच्च पदों पर देश की सेवा कर रही हैं। इन्होंने भी रखे विचार दो दिवसीय वर्चुअल मीट के प्रथम सत्र को इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शौर्य डोभाल, आइएएस मंगेश घिल्डियाल, एंबेसडर यूनेस्को दीपक रमोला, लेफ्टिनेंट कमाडर इंडियन नेवी पायल गुप्ता ने भी संबोधित किया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक्शन और रिसर्च सोसायटी की अध्यक्ष संयोजक नेहा जोशी ने मीट का संचालन किया। मीट में 35 साल से कम आयु के युवा वैज्ञानिकों, पत्रकारों, समाजसेवियों, उद्यमियों, लेखकों आदि ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि के माध्यम से भागीदारी की।

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