डायबिटीज से बचने के लिए करें जीवनशैली में बदलाव, पढ़िए पूरी खबर
विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि डायबिटीज से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है।
देहरादून, जेएनएन। विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज, संजय ऑर्थोपेडिक, स्पाइन एंड मैटरनिटी सेंटर और इंटरनेशनल डायबिटीज हेल्थ रिसर्च सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि डायबिटीज से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है।
संगोष्ठी का शुभारंभ मसूरी विधायक गणेश जोशी ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि विश्व का हर पांचवां व्यक्ति मधुमेह का रोगी है। इस बीमारी को लेकर दिन प्रतिदिन स्थिति भयावह होती जा रही है। परहेज, व्यायाम और दवाओं के जरिए इस पर काबू पाकर लंबा और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। ऐसे में आवश्यकता लोगों को जागरूक करने की है।
इस दौरान उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज के चेयरमैन डॉ. अश्विनी काम्बोज, संजय ऑर्थोपेडिक, स्पाइन एंड मैटरनिटी सेंटर के निदेशक डॉ. बीकेएस संजय, ऑर्थोपेडिक एंड स्पाइन सर्जन डॉ. गौरव संजय, मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष शर्मा, उत्तरांचल आयुर्वेदिक अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. एचएम चंदोला, समाजसेवी योगेश अग्रवाल, डॉ. सदानंद थपलियाल आदि ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डायबिटीज एक दिन में नहीं आती है। यह धीरे-धीरे पकड़ती है। अगर लाइफ स्टाइल बिगड़ी है और रिस्क फैक्टर है तो बीमारी जल्दी पकड़ लेगी।
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अगर कोई रिस्क फैक्टर नहीं है तो बीमारी को पूरी तरह रोक सकते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाने की जरूरत है। इसके अलावा योग व व्यायाम को रोजमर्रा में अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। जो न केवल मधुमेह बल्कि अन्य बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि से भी बचाएगा। कार्यक्रम में पूनम नौटियाल, सिंगापुर से आई अतिथि ऐना, संतोषी शर्मा, ईशा अग्रवाल, सरला भटनागर आदि उपस्थित रहे।
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