एलटी समायोजित शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतन का लाभ मिले
प्राथमिक स्कूलों और जूनियर हाईस्कूलों से एलटी में समायोजित शिक्षकों ने चयन-प्रोन्नत वेतन का लाभ देने की मांग की है। शिक्षकों ने विभाग से सेवा नियमावली में संशोधन की पैरवी भी की है। प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक और शिक्षा मंत्री को मांग पत्र भेजकर सभी मामलों का निस्तारण करने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्राथमिक स्कूलों और जूनियर हाईस्कूलों से एलटी में समायोजित शिक्षकों ने चयन-प्रोन्नत वेतन का लाभ देने की मांग की है। शिक्षकों ने विभाग से सेवा नियमावली में संशोधन की पैरवी भी की है। प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक और शिक्षा मंत्री को मांग पत्र भेजकर सभी मामलों का निस्तारण करने की मांग की है।
शिक्षा विभाग ने 2006 स्नातक शिक्षा सेवा नियमावली के अंर्तगत एलटी पदों पर जारी होने वाली विज्ञप्ति के अनुपात में 30 फीसद सीटों पर प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में सेवाएं दे रहे सहायक अध्यापकों एवं प्रधानध्यापकों को एलटी पदों पर समायोजित करना शुरू किया है। इसमें से पांच फीसद पदों पर प्राथमिक स्कूलों में सेवाएं दे रहे सहायक अध्यापकों को पदोन्नति का लाभ दिया जाने का प्रावधान बनाया है। इसके तहत 2007 से अब तक करीब 7000 शिक्षकों का समायोजन एलटी में हो चुका है। प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने बताया कि 2007 से अब तक समायोजित शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतन का लाभ नहीं मिला है। इससे प्रदेशभर में शिक्षकों को ना तो सेवा लाभ मिल रहा है ना ही आर्थिक लाभ। इसके अलावा साल 2014 में नियमावली में संशोधन कर प्राथमिक स्कूलों से एलटी में पदोन्नत हो रहे सहायक अध्यापकों और जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापक एवं प्राथमिक के प्रधानाध्यापक, सभी के लिए एलटी कैडर में जाने पर पदोन्नत शब्द का ही इस्तेमाल किया जाने लगा। जबकि पदोन्नति का लाभ प्राथमिक के सहायक अध्यापकों को ही मिल रहा है। बताया कि इस बीच पिछले 13 सालों में करीब एक हजार शिक्षक सेवानिवृत भी हो गए हैं, जिन्हें ना तो सेवा लाभ मिला ना ही आर्थिक। संघ ने शिक्षा विभाग से इन सभी विसंगतियों को दूर कर समायोजन वर्ष से शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत का लाभ देने, नियमावली को संशोधित कर समायोजित शब्द का इस्तेमाल करने और उक्त शिक्षकों के लिए इस बीच आए न्यायिक निर्णयों को लागू करने की मांग की है। इसके अलावा संघ ने शिक्षा विभाग का शैक्षिक ढांचे के सुधार के लिए साल 2018 में जारी वित्तीय रिपोर्ट लागू करने की मांग भी प्रमुखता से उठाई।