परीक्षा पास करने के 15 दिन बाद बताया फेल
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षा प्रणाली पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं।
By Edited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 05:24 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षा प्रणाली पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। एलटी (सहायक अध्यापक) परीक्षा के रिजल्ट में पास अभ्यर्थी को 15 दिन बाद फेल बता दिया गया। इसके लिए जिम्मेदारी तय करने की बजाय सॉफ्टवेयर की त्रुटि बताकर संशोधित रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। अधीनस्थ चयन आयोग ने राज्य में एलटी की परीक्षा आयोजित कराई। परीक्षा कराने में देरी से लेकर रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप आयोग पर लगे हैं। मगर, रिजल्ट घोषित होने के बाद काउंसिलिंग के लिए पात्र अभ्यर्थियों को अब आयोग ने पत्र भेजते हुए फेल बता दिया। ऐसा ही एक प्रकरण सामान्य श्रेणी (पीएच) हिन्दी विषय से परीक्षा पास करने वाली विशेश्वरी मूल निवासी पुरोला हाल निवासी यमुनोत्री एनक्लेव चंद्रबनी के साथ हुआ है। विशेश्वरी को आयोग ने 31 मई को जारी रिजल्ट में पास दिखाते हुए मेरिट लिस्ट में नाम दर्ज कर दिया। एलटी में चयन की खुशी के बाद विशेश्वरी 18 जून से होने वाली काउंसिलिंग के लिए तैयारी में जुट गई। इसके लिए वह पुरोला से दून पहुंच गई। मगर, 14 जून की शाम को विशेश्वरी को आयोग ने पत्र भेजते हुए श्रेष्ठता सूची में संशोधन की बात कही। पत्र में आयोग ने खेद जताते हुए कहा कि यह त्रुटि सॉफ्टवेयर के कारण हुई है। उन्हें काउंसिलिंग से रोकते हुए संशोधित रिजल्ट भी थमा दिया। मामले में विशेश्वरी ने कहा कि चयन के बाद उन्हें काउंसिंलिंग से रोकना गलत है। आयोग के इस निर्णय से वह न केवल दुखी है, बल्कि आक्रोशित भी हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखते हुए पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की है। ---------- सॉफ्टवेयर की त्रुटि के चलते मेरिट में पीछे कुछ अभ्यर्थी आगे आ गए। जानकारी में आने के बाद उनका रिजल्ट संशोधित कर दिया है। उम्मीद है कि वेटिंग लिस्ट में इनको लाभ मिल सकता है। पारदर्शिता के चलते ही यह मामला पकड़ में आया है। संतोष बडोनी, सचिव अधनीस्थ चयन आयोग
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें