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खरीद में स्थानीय एमएसएमई को वरीयता

प्रदेश में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग लगाने वाले कारोबारियों को सरकार ने खासी राहत दी है। इसके तहत स्थानीय एमएसएमई को सरकारी खरीद में वरीयता प्रदान की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:47 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:47 PM (IST)
खरीद में स्थानीय एमएसएमई को वरीयता
खरीद में स्थानीय एमएसएमई को वरीयता

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग लगाने वाले कारोबारियों को सरकार ने खासी राहत दी है। इसके तहत स्थानीय एमएसएमई को सरकारी खरीद में वरीयता प्रदान की जाएगी। बशर्ते उनका निविदा मूल्य सबसे कम निविदाकर्ता के दस से 15 फीसद के करीब हो। यह व्यवस्था एमएसएमई क्रय वरीयता नीति 2019 में की गई है। कैबिनेट ने इस नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है।

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सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। एमएसएमई की क्रय वरीयता नीति पर चर्चा के दौरान यह बताया गया कि राज्य के छोटे उद्योगों को सरकारी खरीद (फर्नीचर, स्टेशनरी आदि अन्य समान, जिसकी जरूरत हो) में वरीयता दी जाएगी। इसके तहत मैदानी क्षेत्रों में सबसे कम निविदाकर्ता के 10 प्रतिशत नजदीक और पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे कम निविदाकर्ता के 15 प्रतिशत नजदीक बोली होने पर स्थानीय उद्योग के लिए 25 फीसद तक सप्लाई मिलेगी। हालांकि, यह सप्लाई व सबसे कम निविदाकर्ता के जरिये ही की जाएगी। इसके अलावा नीति में स्थानीय उद्योगों को टेंडर फीस और अर्नस्ट मनी जमा करने पर भी छूट दी गई है। एक अहम व्यवस्था यह कि अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्योगपति के जरिये चार प्रतिशत और महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए तीन प्रतिशत खरीद का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इसमें क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बैठक के अन्य अहम निर्णय

-उत्तराखंड लोक सेवा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण विधेयक को सदन पटल पर रखने को मंजूरी। इसके तहत गरीब सर्वणों का दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

-उत्तराखंड नगर निगम संशोधन विधेयक को सदन पटल पर रखा जाने को मंजूरी । इस विधेयक के तहत जनसंख्या के आधार पर निकायों का वर्गीकरण कर नगर आयुक्त, महापौर व बोर्ड के वित्तीय अधिकार बढ़ाए गए हैं।

-उत्तराखंड वेस्ट टू एनजी पॉलिसी को प्रख्यापित किया गया। इसके तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लैंड फिल साइट के लिए संबंधित निकाय एक रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से 20 वर्ष अथवा परियोजना की अवधि तक के लिए उपलब्ध कराएंगे।

-उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के वर्ष 2014-15 से लेकर 2017-18 तक के संयुक्त वार्षिक प्रतिवेदन को सदन पटल पर रखे जाने को मंजूरी।

-नगर पंचायत क्षेत्र लालकुआं के लिए जारी भूमि विनियमितीकरण के शासनादेश में समय बढ़ाने को मंजूरी। पहले यह अवधि फरवरी में समाप्त हो रही थी।

- बिंदाल, रिस्पना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के लिए भूमि हस्तांतरण को प्रावधानों में बदलाव को मंजूरी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी समिति, मुख्यमंत्री को सौंपेगी रिपोर्ट

-अल्मोड़ा के सरस्वती शिशु मंदिर को इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत करने को मंजूरी। ग्राम आटी में 25 नाली भूमि एक रुपये की दर से पट्टेदार को दी जाएगी।


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