Coronavirus: किसानों को नहीं खींच पा रही अस्थायी सब्जी मंडी Dehradun News
बाहर से फल-सब्जी की आवक बंद होने के बाद मंडी समिति स्थानीय उत्पादों को शहर में सप्लाई करने का प्रयास कर रही है लेकिन स्थायी व्यवस्था न हो पाने से किसान दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। स्थानीय उत्पादों को दून के बाजारों में पहुंचाना मंडी समिति के लिए चुनौती साबित हो रहा है। बाहर से फल-सब्जी की आवक बंद होने के बाद मंडी समिति स्थानीय उत्पादों को शहर में सप्लाई करने का प्रयास कर रही है, लेकिन स्थायी व्यवस्था न हो पाने से किसान दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण फैलने पर निरंजनपुर मंडी को सील कर दिया गया। इस दौरान ननूरखेड़ा स्थित मिनी मंडी से शहर में फल-सब्जी की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा मालदेवता में भी अस्थायी मंडी स्थापित करने की योजना थी, लेकिन यहां ग्रामीणों के विरोध के चलते मंडी शुरू नहीं की जा सकी।
इसके अलावा संक्रमण के खतरे को देखते हुए बाहरी राज्यों से फल-सब्जी की आवक भी बंद कर दी गई है। चार जून को मंडी सील होने के बाद शुरुआती तीन दिन फल-सब्जी का पर्याप्त स्टॉक रहा, इसके बाद विकासनगर, ऋषिकेश व स्थानीय किसानों से आपूर्ति की जाने लगी। मंडी समिति की योजना थी कि जिले के सीमांत गांवों के किसानों की उपज को शहर में पहुंचाया जाए, लेकिन अब तक इस दिशा में मंडी समिति को सफलता नहीं मिली है।
स्थानीय किसानों के उत्पाद उम्मीद से काफी कम मंडी तक पहुंच रहे हैं। किसान खुद ही यहां फल-सब्जी पहुंचाने से कतरा रहे हैं। जबकि, मंडी समिति की ओर से किसानों से बातचीत कर उन्हें प्रेरित भी किया गया।
मंडी सचिव विजय थपलियाल ने कहा कि स्थानीय किसानों की उपज शहर तक पहुंचाने को भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है जल्द अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
अस्थायी व्यवस्था बनी रुकावट
निरंजनपुर मंडी में टिहरी, उत्तरकाशी, चकराता आदि के किसान आढ़तियों से संपर्क करते हैं और आढ़ती ही उनसे आवश्यकतानुसार उपज उठाते हैं। लेकिन, ननूरखेड़ा स्थित मिनी मंडी में अस्थायी व्यवस्था के कारण किसानों को खुद ही फल-सब्जी पहुंचानी पड़ रही है। मंडी समिति भले ही उन्हें उपज के अच्छे दाम दे, लेकिन वाहन आदि की व्यवस्था करना किसानों और मंडी समिति दोनों के लिए कठिन हो रहा है।
मालदेवता में मंडी न खुलना भी कारण
मालदेवता में अस्थायी मंडी शुरू की जानी थी, जहां देहरादून समेत निकटवर्ती सकलाना पट्टी, क्यारा, भट्टा आदि गांवों से बढ़ी मात्र में उपज पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन, मालदेवता क्षेत्र के ग्रामीणों के विरोध के बाद यहां मंडी शुरू नहीं हो सकी।
शहर में 28 वाहनों से की सब्जी की आपूर्ति
मंडी समिति की ओर से वाहनों से शहर में फल-सब्जी की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि, कुछ ठेली और दुकानें भी सब्जी बेच रही हैं। मंगलवार को मंडी समिति ने 28 वाहनों के माध्यम से थोक दाम पर सब्जी बेची। निरंजनपुर मंडी सील होने के बाद से मंडी समिति की ओर से मोबाइल वाहन से फल-सब्जी उपलब्ध कराई जा रही है।
हालांकि, बाहरी राज्यों से आवक बंद करने के बाद से उपलब्धता घट गई है, लेकिन फिलहाल शहर में किल्लत नहीं है। मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि मंगलवार को शहर में 28 वाहनों से आपूर्ति की गई। जबकि, सोमवार को 45 वाहनों से सब्जी उपलब्ध कराई। अभी डिमांड के अनुसार ही आपूर्ति की जा रही है, हालांकि, फल-सब्जी की उपलब्धता में थोड़ी गिरावट आई है। लेकिन, जल्द ही आवक में सुधार आ जाएगा।
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ट्रांसपोर्ट नगर में सब्जी उतरवाने का किया विरोध
ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने ट्रांसपोर्ट नगर में सब्जी उतरवाने का विरोध किया है। इस बाबत उन्होंने जिलाधिकारी को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन के सदस्य लव चौधरी ने बताया कि सब्जी मंडी में कोरोना संक्रमितों के मिलने के बाद से मंडी सील है। जबकि, सब्जी व्यापारी ट्रांसपोर्ट नगर में सहारनपुर आदि स्थानों से सब्जी के ट्रक मंगवा रहे हैं। जिससे क्षेत्र में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में उन्होंने डीएम को ज्ञापन भेजकर ट्रांसपोर्ट नगर में सब्जी उतरवाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।
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