पांचवी की छात्रा आलिया ने पुलिस को दी अपनी गुल्लक, बोली मैं भी करना चाहती हूं मदद
ऋषिकेश की एक बालिका आलिया ने कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह को अपनी गुल्लक सौंपी और बोली कि वह भी इस संकट के समय गरीबों की मदद करना चाहती है।
ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच लॉकडाउन में जरूरतमंदों के लिए बड़े ही नहीं बच्चे भी हाथ बढ़ा रहे हैं। सोमवार को ऋषिकेश की 12 वर्षीय एक बालिका आलिया चावला ने बड़ा दिल दिखाते हुए पुलिस को अपनी गुल्लक सौंपी। गुल्लक में 10 हजार 141 रुपये जमा थे।
सोमवार को मनीराम मार्ग निवासी आलिया अपने पिता आलोक चावला के साथ कोतवाली पहुंची। उसके हाथ में गुल्लक थी। उसने कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह को यह गुल्लक सौंपी और बोली कि वह भी इस संकट के समय गरीबों की मदद करना चाहती है। आलिया की इस पहल की मौजूद सभी लोग ने तारीफ की।
आलिया ऋषिकेश पब्लिक स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ती है। आलिया ने बताया कि समाचार पत्रों से उसे यह पता चला कि इस मौके पर कई लोग पुलिस को मदद कर रहे हैं। उसने गुल्लक में कुछ पैसे जमा किए थे, जिसे वह पुलिस के माध्यम से गरीबों की सेवा में लगाना चाहती है। आलिया का पुलिस ने शुक्रिया अदा किया।
उधर रुड़की में पुरानी तहसील निवासी कक्षा 10 के छात्र प्रियांशु और कक्षा छह में पढ़ने वाली छोटी बहन वैष्णवी ने अपनी पाकेट मनी से बचाकर जमा किए गए पांच हजार रुपये पीएम केयर्स फंड में जमा कराए। दोनों बच्चों ने कोतवाली रुड़की पहुंचकर एसपी देहात एसके सिंह को चेक सौंपा।
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पांच साल की नंदनी ने मदद को बढ़ाया हाथ
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन में जरूरतमंदों की मदद को लोग हाथ बढ़ा रहे हैं। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) की ओर से शुरू की गई मुहिम में पांच साल की नंदनी ने अपने गुल्लक तोड़कर 500 रुपये जमा किए। परिवार वालों ने बताया कि ये पैसे नंदनी ने पिछले छह माह से गुल्लक में जमा किए थे।
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