सुनिए वित्त मंत्री जी महिला उद्यमियों को बजट से कई उम्मीदें
सूबे की महिला उद्यमियों को इस बार के बजट से कई उम्मीदें हैं। कोरोना संक्रमण काल में उद्योग जगत को आर्थिक घाटे का सामना करना पड़ा है। अब कोरोना वैक्सीन आने के बाद थोड़ी राहत मिली है। औद्योगिक इकाइयां अपनी पूरी शक्ति के साथ काम करेंगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : सूबे की महिला उद्यमियों को इस बार के बजट से कई उम्मीदें हैं। कोरोना संक्रमण काल में उद्योग जगत को आर्थिक घाटे का सामना करना पड़ा है। अब कोरोना वैक्सीन आने के बाद थोड़ी राहत मिली है। साथ ही यदि बजट में उद्योग के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है तो औद्योगिक इकाइयां अपनी पूरी शक्ति के साथ काम करेंगी। जिससे कंपनियों में रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
राज्य में 191 महिला उद्यमी हैं, जिन्हें कंपनी में 51 फीस निवेश कर स्वामित्व का अधिकार प्राप्त है। उत्तराखंड में महिला उद्यमियों की यह संख्या हालांकि अधिक नहीं है, लेकिन महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले उद्योगों में 31 मार्च 2020 तक 1022 जनों को रोजगार मिला। इन उद्योगों में 32.34 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। महिला उद्यमियों को आशा है कि इस वर्ष केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में उद्योगों को आर्थिक पैकेज देगी ताकि वह घाटे से उबर सकें। सेलाकुई की महिला उद्यमी अनिता शर्मा कहती हैं कि प्रदेश के अति लघु व लघु उद्योगों में लॉकडाउन के बाद उत्पादन 50 फीसद रह गया। शारीरिक दूरी नियम व कोविड-19 की सख्त गाइडलाइन का पालन करते हुए उद्योगों ने अपने यहां कर्मचारियों की संख्या में पचास फीसद की कटौती कर दी। जिससे उत्पादन भी उसी अनुपात में आधा रह गया। कच्चे माल की आपूर्ति भी बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने से उत्पादन में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अब नए साल के बजट से उम्मीद जागी है। उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोविड काल में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ऋण सुविधा दी गई, जिसमें महिला उद्यमियों ने भी लाभ उठाया।
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उद्यमी अनिला सिद्धीकी ने बताया कि उद्योग निदेशालय की ओर से उद्यमिता के लिए युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने में सहयोग किया जाता है। इस साल कोरोना संक्रमण के कारण करीब नौ महीने स्वयं सहायता समूह अपनी गतिविधियोंं का संचालन नहीं कर पाए। अब नए साल में बजट से महिलाओं को काफी उम्मीद है। वहीं उद्यमी सेलाकुई सोनाली सिंह ठाकुर ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से उबरने के बाद वर्ष 2021 उद्योग जगत के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए यदि औद्योगिक पैकेज की घोषणा होती है तो इससे लघु उद्योगों को संबल मिलेगा। इसकी सख्त जरूरत भी है।
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