जनता कर्फ्यू का एक साल, जनजीवन सामान्य मगर खतरा बरकरार
देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 22 मार्च 2020 को देशभर में एक दिन का जनता जनता कर्फ्यू लगाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शाम साढ़े पांच बजे देश की जनता ने घरों में थाली व घंटी बजाकर जनता कफ्र्यू का स्वागत किया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 22 मार्च, 2020 को देशभर में एक दिन का जनता जनता कर्फ्यू लगाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शाम साढ़े पांच बजे देश की जनता ने अपने घरों में थाली व घंटी बजाकर जनता कफ्र्यू का स्वागत किया था। ठीक एक वर्ष बाद आम जनजीवन अब सामान्य है, व्यापारी भी पटरी पर लौट रहा है, वैक्सीन भी आ चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है।
पिछले साल मार्च में कोरोना के मामले अचानक से बढऩे शुरू हो गए थे। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। 15 मार्च को एफआरआइ का एक प्रशिक्षु अधिकारी संक्रमित मिला। जिसके बाद शहर में हड़कंप मच गया और कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए। 22 मार्च आते-आते दून समेत पूरे प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा बढऩे लगा। एक दिनी जनता कफ्र्यू के बाद से यानी 23 मार्च से पूरे प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया। जिससे सभी स्कूल, कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान, मॉल, रेस्टोरेंट होटल, मनोरंजन पार्क, सरकारी कार्यालय, उद्योग व वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई। केवल आपातकालीन सेवाओं को ही छूट दी गई। बाजार बंद रहने से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। केवल पुलिस के वाहन व एंबुलेंस के सायरन ही सुनाई देते थे। शहर में जगह-जगह स्वयंसेवी संस्थाएं गरीब व जरूरतमंद लोग को खाद्य सामग्री बांटने के लिए निकलती थीं। पार्क व खेल के मैदान भी सूने रहे।
अनलॉक में सामान्य होने लगे हालात
करीब 75 दिनों के लॉकडाउन के बाद आठ जून, 2020 को केंद्र सरकार ने अनलॉक प्रथम जारी किया। जिसके तहत उद्योग, व्यापारिक प्रतिष्ठान, वाहनों की आवाजाही कुछ शर्तों के साथ खोली गई। इसके बाद जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले घटते गए, लॉकडाउन में ढील मिलती गई। नवंबर आते-आते कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद पडऩे से हालात सामान्य हो गए। स्कूल व कॉलेजों की कुछ कक्षाएं कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का पालन करते हुए खोल दी गईं। इसके बाद दिसंबर में कॉलेज व विवि में भी ऑफलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गईं, लेकिन फरवरी, 2021 में फिर से देशभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता बढ़ाने लगे हैं। हालांकि अब सामान्य दिनों की तरह बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखी जा सकती है। मॉल, शॉपिंग काम्प्लेक्स, पार्क, खेल मैदान, चिडिय़ा घर, सिनेमा हॉलों में आमजन भी भीड़ अब सामान्य दिनों की तरह देखी जा सकती है। सभी सार्वजनिक स्थानों में मास्क पहनना व सैनिटाइजर का प्रयोग करना जरूरी है।
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जानिए क्या कहते हैं व्यापारी
दून उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल का कहना है कि वर्ष 2020 में वैश्विक कोरोना संक्रमण महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया। जिससे दून में भी करीब 75 दिन व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंदी के कारण छोटे व्यापारियों को भारी घाटा झेलना पड़ा।दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष पंकज मैसोन का कहना है कि लॉकडाउन के कारण छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ। बैंकों से ऋण लेकर कारोबार कर रहे इन व्यापारियों ने आज तक बैंक की लंबित किश्तें नहीं भरी हैं। नवंबर के बाद हालत कुछ सामान्य हुए। फिर से कोरोना संक्रमण डरा रहा है।
दून महानगर व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा का कहना है कि कोरोना संक्रमण का भय एक बार फिर से मंडराने लगा है। रविवार को साप्ताहिक बंदी का सख्ती से पालन होना चाहिए। बाजार में बढ़ती भीड़ डराने वाली है। जिला प्रशासन को साप्ताहिक बंदी का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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