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धर्मगुरु समेत दो की हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा

सहसपुर के छोटा रामपुर स्थित कैथोलिक धर्म के समर्पण आश्रम के स्वामी अस्तेय व उनकी शिष्या मर्सी की हत्या के दोषी तीन व्यक्तियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

By Edited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 04:11 PM (IST)
धर्मगुरु समेत दो की हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा
धर्मगुरु समेत दो की हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा

देहरादून, जेएनएन। सहसपुर के छोटा रामपुर स्थित कैथोलिक धर्म के समर्पण आश्रम के गुरु स्वामी अस्तेय व उनकी शिष्या मर्सी के दोहरे हत्याकांड के तीन दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आरके खुल्बे की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड में शामिल एक अन्य आरोपित की गिरफ्तारी न हो पाने से उसकी पत्रावली पूर्व में ही सुनवाई के दौरान अलग कर दी गई थी। 

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने अदालत को बताया कि मूलरूप से मेरठ के रहने वाले स्वामी अस्तेय उर्फ अस्ते फादर सैमवेल लंबे समय से सहसपुर के छोटा रामपुर स्थित समर्पण आश्रम में रहते थे। वह यहां लोगों का उपचार किया करते थे। 

वर्ष 2008 से कुछ महीने पहले मर्सी नाम की महिला भी यहां उनसे इलाज कराने आई थी। 20 अगस्त 2008 की रात नौ बजे सैमवेल और मर्सी अचानक गायब हो गए। गांव वालों ने जब दो दिन तक दोनों को आश्रम में नहीं देखा तो लोगों ने वहां कोना-कोना छान मारा। 

काफी खोजबीन के बाद सैमवेल और मर्सी का शव आश्रम के गोदाम में पड़ा मिला। दोनों के हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे और चारों तरफ फैला खून सूख चुका था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्रित करने के साथ ही दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराया। 

इसमें सिर पर भारी वस्तु से वार कर दोनों को मौत के घाट उतारने का पता चला। दोहरे हत्याकांड से यह भी संदेह हुआ कि वारदात में दो से अधिक लोग शामिल थे। पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो आश्रम के चार लोग गायब मिले। 

वहीं, मर्सी का मोबाइल भी मौका-ए-वारदात से बरामद नहीं हुआ। पुलिस ने मर्सी के मोबाइल को सर्विलांस पर डाल दिया। आरोपितों की तलाश में दो महीने गुजर गए। इस बीच मर्सी का मोबाइल ऑन हुआ तो पुलिस ने उस लोकेशन पर दबिश दी। 

जहां फ्रांसिस उर्फ जुगल किशोर पुत्र करम सिंह उर्फ करन सिंह निवासी मकान नंबर 88/2, फेज-2, श्रद्धापुरी थाना कंकरखेड़ा मेरठ, अरुण वाल्मीकि पुत्र काली चरण निवासी सरकंडी थाना डिडौली जेपी नगर उत्तर प्रदेश व विपिन पंवार उर्फ बबलू पुत्र प्रीतम सिंह निवासी ई-426, दक्षिणपुरी सेक्टर 525 दिल्ली को मेरठ के सरकंडी अजीज ग्राम से गिरफ्तार किया गया।

तीनों की निशानदेही पर मर्सी के जेवरात और मोबाइल भी बरामद हो गया। आरोपितों पर छह मार्च 2010 को आरोप तय कर दिए गए। इसके बाद चली सुनवाई के दौरान चौथे आरोपित मुकेश को बार-बार समन भेजने पर भी हाजिर न होने के कारण उसकी पत्रावली सुनवाई के लिए अलग कर दी गई। 

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 12 गवाह पेश किए गए, जबकि बचाव पक्ष से एक भी गवाह पेश नहीं हुआ। सुनवाई के दौरान दोषियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए रंजिशन फंसाए जाने की बात कही।

गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत ने तीनों को दोहरे हत्याकांड का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने तीनों पर नौ-नौ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर तीनों को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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