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अब सीएम की चिट्ठी से भी मिलेगा इलाज, उठाना चाहते हैं लाभ तो पढ़ें खबर

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थी परिवारों को अब मुख्यमंत्री का पत्र भेजा जाएगा। अब गोल्डन कार्ड न होने पर भी पात्र परिवारों को यह पत्र दिखाकर उपचार मिल जाएगा।

By Edited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 08:43 PM (IST)
अब सीएम की चिट्ठी से भी मिलेगा इलाज, उठाना चाहते हैं लाभ तो पढ़ें खबर
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देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थी परिवारों को अब मुख्यमंत्री का पत्र भेजा जाएगा। आशाएं घर-घर जाकर यह पत्र देंगी। इस पर संबंधित परिवार का विवरण और क्यूआर कोड अंकित रहेगा। इसके माध्यम से लाभार्थी गोल्डन कार्ड न होने की दशा में भी उपचार प्राप्त कर पाएंगे। प्रदेशभर में योजना की प्रगति एवं 26 जनवरी से सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनरों को इसमें सम्मलित किए जाने को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा की गई। 

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स्वास्थ्य महानिदेशालय सभागार में आयोजित कॉन्फ्रेन्सिंग के दौरान राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से योजना की अभी तक की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। कोटिया ने जनपदीय अधिकारियों से निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किए जाने की जानकारी भी ली। इसके अलावा चिकित्सालयों में बायोमेट्रिक प्रणाली की उपलब्धता, उपचार उपरांत चिकित्सालयों द्वारा भेजे जा रहे दावों की प्रगति व योजना के अंतर्गत लाभान्वित एवं भर्ती मरीजों की भी जानकारी ली। 

कोटिया ने जिलाधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से योजना के सभी लाभार्थी परिवारों को एक पत्र प्रेषित किया जाएगा। जिसे प्राप्त होने के एक सप्ताह में लाभार्थियों तक पहुचा दिया जाए। उन्होंने बताया कि आगामी 26 जनवरी से समस्त सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों एवं पेंशनरों को योजना में सम्मलित किया जा रहा है। जिसके लिए संबंधित विभाग के डीडीओ और ट्रेजरी ऑफिसर के स्तर से श्रेणीवार मासिक अंशदान काटा जाएगा। 

योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित कर लें कि सभी पंजीकृत चिकित्सालयों में योजना में आच्छादित बीमारियों की जानकारी एवं गोल्डन कार्ड से संबंधित सूचनाएं प्रदर्शित की जा रही हैं।

पंत ने चिकित्सालयों में योजना का लोगो व योजना की विषेशताओं का प्रचार-प्रसार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी पंजीकृत चिकित्सालयों की एक कार्यशाला की जाए, जिसमें लाभार्थियों के पास गोल्डन कार्ड न होने की स्थिति में टेलिफोन से उपचार की स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया की जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि पंजीकृत चिकित्सालयों का भ्रमण और ऑडिट का कार्य भी नियमित रूप से किया जाना है। जिसके लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी उत्तरदायी होंगे।

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