Move to Jagran APP

सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी

प्रदेश सरकार ने माना कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों को लेकर थोड़ी दिक्कत है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:50 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:50 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी

राज्य ब्यूरो, देहरादून

loksabha election banner

प्रदेश सरकार ने माना कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों को लेकर थोड़ी दिक्कत है। मानसून सत्र के अंतिम दिन विधायक मनोज रावत की ओर से नियम-58 के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उठाए गए मामले का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर करने के लिए प्रयास जारी हैं।

कैबिनेट मंत्री पंत ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की दशा सुधारने के लिए पिछले 18 सालों में अवस्थापना व मूलभूत सुविधाओं की दिशा में काफी प्रगति हुई है। बावजूद इसके दबाव अभी कम नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि 138 नियमित असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के संबंध में प्रस्ताव चिकित्सा चयन बोर्ड को भेजा गया है। इसके बाद व्यवस्थाएं बेहतर होंगी। संविदा पर भी नियुक्ति को विज्ञप्ति जारी की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर रही है। उन्होंने 108 सेवा के संबंध में भी सदन को जानकारी दी। नेता प्रतिपक्ष डॉ.हृदयेश ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जन न होने और चिकित्सकों के वेतन में बढ़ोतरी न होने के मसले रखे। कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के निदान के लिए सरकार को गंभीरता से कदम उठाने होंगे।

---------

लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस होंगी 61 एंबुलेंस

विधायक ममता राकेश ने स्वास्थ्य निदेशालय में 61 एंबुलेंस खड़ी रहने और खुशियों की सवारी वाहनों को भुगतान न होने के मामले नियम 58 में उठाए। इस पर जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री पंत ने कहा कि 108 सेवा के बेड़े में शामिल 10 साल पुरानी एंबुलेंस बदली जा रही हैं। जहां तक 61 एंबुलेंस का सवाल है तो इन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस किया जा रहा है। इसमें थोड़ा वक्त लगता है। यही नहीं, 18 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस वाहन भी दिए जा रहे हैं। खुशियों की सवारी के लिए 2.30 करोड़ जारी कर दिए गए हैं।

----

रुड़की नगर निगम में शामिल गांवों का विकास ठप

विधायक फुरकान अहमद ने नगर निगम रुड़की में शामिल चार गांवों में विकास कार्य ठप होने का मामला रखा। नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने कहा कि जो बजट ग्राम प्रधानों के नाम जारी हुआ है, वह नगर निगम में शामिल होने के कारण उन्हें नहीं मिल रहा। सरकार इसे गंभीरता से ले। चर्चा का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने नगर निगम रुड़की में शामिल चार गांवों में हुए विकास कार्याें का ब्योरा रखा। साथ ही कहा कि राज्य के विकास को लेकर सरकार संवेदनशील है। इनसेट

एक विधेयक पारित

देहरादून: सदन में सोमवार को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959)(संशोधन) विधेयक पेश किया। इस पर 15 मिनट चर्चा होनी थी। विपक्ष के लोकायुक्त के हंगामे के चलते यह बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया।

याचिका सीमित करने पर जताई नाराजगी

सदन में सोमवार को देशराज कर्णवाल याचिकाओं की संख्या सीमित करने के कारण काफी नाराज दिखे। उन्होंने विपक्ष के विधायकों पर ऐसा करने का आरोप लगाया और कहा कि जनता इसका जवाब देगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.