वीडीओ भर्ती गड़बड़ी में नहीं बचेगा कोई दोषी
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीओ) के 196 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में गड़बड़ी का मसला गुरुवार को सदन में गूंजा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीओ) के 196 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में गड़बड़ी का मसला गुरुवार को सदन में गूंजा। विपक्ष ने इस प्रकरण में फोरेंसिक जांच रिपोर्ट सदन में रखने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि प्रकरण में फोरेंसिक जांच रिपोर्ट तलब की गई है और जल्द कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा वह बचेगा नहीं। भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने वीडीओ भर्ती में गड़बड़ी मसला रखते हुए इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये पंचायतीराज विभाग में वीडीओ के 196 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। इसमें गड़बड़ी की शिकायतें आने पर तत्कालीन सरकार ने एसीएस की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि ओएमआर शीट में कई बार छेड़छाड़ हुई। इसके बाद यह परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। समिति ने प्रकरण की सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। साथ ही ओएमआर शीट फोरेसिंक जांच के लिए भेजी थी। यह जांच रिपोर्ट आ चुकी है, मगर इसे अभी तक सदन में नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि जिसकी छत्रछाया में घपला हुआ, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक मनोज रावत ने जानना चाहा कि यह रिपोर्ट कब आएगी और दोषियों को कब दंड मिलेगा।
संसदीय कार्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जून 2017 में यह परीक्षा निरस्त की गई और अदालत के आदेश पर 2018 में दोबारा परीक्षा कराई गई। इसमें पूर्व में निरस्त की गई परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को भी मौका दिया गया। पिछले वर्ष यह परीक्षा हुई और इस वर्ष जनवरी में चयनित अभ्यर्थियों की सूची भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई परीक्षा में गड़बड़ी के मद्देनजर फोरेंसिक रिपोर्ट तलब की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है और प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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मंत्री ने दिया परीक्षण का भरोसा
विधायक हरीश धामी ने अपने विस क्षेत्र में आपदा से क्षति के कार्यों के अधूरे पड़े होने का मसला रखा। उन्होंने कहा कि पेयजल योजनाओं की मरम्मत को राशि न मिलने से लोग परेशान हैं। स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना भी इससे प्रभावित हुई है। उन्होंने आपदा में बहे तटबंधों के निर्माण की मांग पर भी जोर दिया। विधायक आदेश चौहान ने कहा कि आपदा में फसल क्षति का मुआवजा तो मिल रहा, मगर भूमि कटाव का नहीं।
जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि पेयजल योजनाओं के मामले को वह संज्ञान ले रहे हैं। इसका परीक्षण कराकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि तटबंध आपदा के मानकों में नहीं है, इसे देखा जा रह है और सरकार इस पर गंभीर है।
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अवशेष धनराशि को शीघ्र होगी कार्रवाई
विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल के जवाब में पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि धनोल्टी क्षेत्र की पेयजल योजनाओं के लिए टीएचडीसी से अवशेष धनावंटन शीघ्र दिलाने को कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने योजनावार ब्योरा भी दिया।