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सरकार की घेराबंदी को कांग्रेस ने तरकश में सजाए तीर

नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कहा कि सात दिसंबर से शुरू होने वाले सत्र में वह नेता प्रतिपक्ष होने के नाते जनहित से संबंधित मुद्दों को उठाएंगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 30 Nov 2017 04:25 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 04:00 AM (IST)
सरकार की घेराबंदी को कांग्रेस ने तरकश में सजाए तीर
सरकार की घेराबंदी को कांग्रेस ने तरकश में सजाए तीर

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में होने वाले शीतकालीन सत्र के लिए मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सात दिसंबर से शुरू होने वाले सत्र में वह नेता प्रतिपक्ष होने के नाते जनहित से संबंधित मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाएंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निकायों के परिसीमन को लेकर सरकार की मनमानी, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों पर जबरन ब्रिज कोर्स थोपने, महंगाई, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरेगी। उन्होंने प्रदेश में लोकायुक्त व तबादला कानून लागू न करने पर भी सरकार को निशाने पर लिया। 

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 गुरुवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सत्र के दौरान निकायों में सीमा विस्तार के मानकों के बारे में जानकारी ली जाएगी। आसपास सटे गांवों में से कुछ को शामिल किया जा रहा है तो कुछ को छोड़ा जा रहा है। निर्वाचित ग्राम प्रधान व पंचायत सदस्यों को, जिनका दो वर्ष से अधिक का कार्यकाल शेष है, सरकार संविधान की किस धारा के तहत हटा सकती है। इसमें पूरी राजनीति चल रही है।

सरकार यदि इसका जवाब नहीं देगी तो न्यायालय के माध्यम से जवाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों पर ब्रिज कोर्स लादा जा रहा है। अभी उत्तराखंड में इंटरमीडिएट एक्ट के अनुसार व्यवस्था चल रही है। इसके अनुसार यदि कोई दस वर्ष से लगातार शिक्षण कार्य कर रहा है तो उसे प्रशिक्षित माना जाता है। शिक्षकों की न्यायोचित मांगों का कांग्रेस पूरा समर्थन करेगी और उनके किसी भी आंदोलन को अपना पूरा सहयोग देगी। सरकार को सभी कर्मचारियों की बात सुननी चाहिए।

नोटबंदी व जीएसटी से जनता परेशान है। बेरोजगारी बढ़ी है। सब्जी व दाल के भाव आसमान छू रहे हैं। राशन की दुकानें बंद करने की नौबत आ रही है। इससे गरीबों में हाहाकार मचा हुआ है। कानून व्यवस्था की हालत यह है कि कुल अपराधों में से अधिकतम दस फीसद मामले की सुलझ पा रहे हैं। सरकार अभिसूचना और जांच इकाइयों को मजबूत नहीं कर पाई है। सहकारिता विभाग के माध्यम से दो फीसद ब्याज पर ऋण देने की बात हुई है लेकिन यह अभी सभी किसानों को नहीं मिल पाया है। 

हमारी सरकार में भी गलत हुआ है तो जांच हो

प्रदेश में एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाले पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि घोटालों की जांच होनी चाहिए। यदि उनकी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कुछ गलत हुआ है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। कानून अपना काम करेगा। 

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