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ऋषिकेश में ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित लक्ष्मण झूला पुल वाहनों के लिए बंद, जानिए

ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला पुल की मियाद खत्म हो चुकी है। लिहाजा प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से इस पर आवाजाही बंद कर दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 01:34 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 08:21 AM (IST)
ऋषिकेश में ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित लक्ष्मण झूला पुल वाहनों के लिए बंद, जानिए
ऋषिकेश में ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित लक्ष्मण झूला पुल वाहनों के लिए बंद, जानिए

देहरादून, जेएनएन। टिहरी और पौड़ी जिले के तपोवन और स्वर्गाश्रम-लक्ष्मणझूला क्षेत्र को ऋषिकेश से जोडऩे वाले गंगा पर बने विश्व विख्यात लक्ष्मणझूला पुल की मियाद पूरी हो जाने के कारण शासन ने शुक्रवार से पुल से आवाजाही बंद कर दी है। 90 वर्ष की आयु पूरी कर चुके इस पुल का अभी तक कोई विकल्प तैयार नहीं हो पाया है। ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों व यात्रियों की मुश्किलें बढऩी तय हैं। वहीं, स्थानीय लोगों के विरोध व आगामी कांवड़ यात्रा को देखते हुए देर रात मुनि की रेती थानाध्यक्ष ने बताया कि लक्ष्मण झूला पुल पर पैदल आवाजाही फिलहाल जारी रहेगी, लेकिन वाहन व ठेलियां पुल से नहीं गुजर सकेंगी। 

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वर्ष 1929 में बनकर तैयार हुए हुआ लक्ष्मणझूला पुल इंजीनियरिंग का एक बेजोड़ नमूना है। गंगा पर बने इस सस्पेंशन पुल की खूबसूरती देखते ही बनती है। साथ ही यह पूरी दुनिया में ऋषिकेश की पहचान भी बन चुका है। मगर, अब यह पुल धरोहर बन चुका है। लोक निर्माण विभाग ने 11 जुलाई को शासन को भेजे पत्र में ट्रैक स्ट्रक्चरल डिजाइन कंसल्टेंसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि लक्ष्मणझूला सेतु वर्तमान समय में बढ़ चुके अप्रत्याशित यातायात की दृष्टि से आवागमन के लिए सुरक्षित नहीं है। पुल के कई हिस्से व घटक बेकार हो चुके हैं और वह कभी भी ढह सकता है। इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने लक्ष्मणझूला पुल पर आवागमन रोकने के आदेश जारी कर दिए। हालांकि, शुक्रवार को स्थानीय पुलिस व प्रशासन को आदेश नहीं मिल पाया था, जिससे पूरे दिन पुल पर आवाजाही जारी रही। 

लक्ष्मणझूला पुल को बिना किसी विकल्प के एकाएक बंद किए जाने जाने के आदेश से स्थानीय लोगों को बड़ा झटका लगा है। स्थानीय लोग इस फैसले से हैरान व परेशान हैं। साथ ही यहां पहुंचे पर्यटक भी लक्ष्मणझूला पुल को बंद किए जाने से मायूस हैं। उपजिलाधिकारी नरेंद्रनगर (टिहरी) युक्ता मिश्रा ने बताया कि फिलहाल रोक संबंधी आदेश की प्रति नहीं मिली है। शासन ने लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही यह निर्णय लिया है। लिहाजा मध्यरात्रि से लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी जाएगी।

कांवड़ यात्रा के लिए बनेगा नया रूट प्लान 

शासन ने लक्ष्मणझूला पुल को बंद करने का आदेश जारी तो कर दिया, मगर 17 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा ने प्रशासन के माथे पर भी बल भी डाल दिए हैं। तीन दिन बाद नीलकंठ मंदिर कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है और पुलिस-प्रशासन मौजूदा स्थिति के अनुसार रोडमैप भी तैयार कर चुका है। पुलिस ने पैदल भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस वर्ष भी पूर्व की भांति लक्ष्मणझूला पुल से कांवड़ यात्रियों के जाने की और रामझूला पुल से वापस लौटने का प्लान तैयार किया था।

मगर, अब लक्ष्मणझूला पुल पर रोक के बाद इस प्लान को बदलना पड़ रहा है। विदित हो कि नीलकंठ कांवड़ यात्रा में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और कांवड़ यात्रा के दौरान लक्ष्मणझूला व रामझूला पुलों पर भारी दबाव रहता है। इस संबंध में पूछे जाने पर पुलिस क्षेत्राधिकारी नरेंद्रनगर प्रमोद शाह ने बताया कि लोनिवि ने इस पुल पर आवाजाही को असुरक्षित बताया है। जहां तक कांवड़ यात्रा का सवाल है तो लक्ष्मणझूला पुल बंद होने पर तपोवन के समीप वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।  नीलकंठ यात्रियों को यहां से गरुड़चट्टी पुल होते हुए नीलकंठ भेजा जाएगा। 

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने जारी किए आदेश 

तीर्थनगरी ऋषिकेश से महज पांच किमी दूर गंगा नदी पर स्थित लक्ष्मण झूला से प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने की सोच रहे हैं तो इरादा त्याग दीजिए। लक्ष्मण झूला सेतु की जर्जर स्थिति के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से शासन ने इस पर आवागमन पर रोक लगा दी है। डिजाइन ट्रैक स्ट्रक्चरल कंसलटेंट की निरीक्षण रिपोर्ट में झूला पुल की जीर्ण-शीर्ण स्थिति को देखते हुए इसे यातायात के लिए असुरक्षित करार दिया गया है।

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसमें प्रमुख अभियंता लोनिवि की ओर से शासन को भेजी गई आख्या का हवाला देते हुए कहा गया है कि वर्तमान में 90 साल पहले के सापेक्ष इस झूलापुल पर यातायात में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसके कारण लक्ष्मण झूला सेतु जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। इसके टावर एक ओर झुके हुए प्रतीत हो रहे हैं। यातायात का दबाव अधिक होने से भविष्य में इसके क्षतिग्रस्त होने के कारण जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

डिजाइन ट्रैक स्ट्रक्चरल कंसलटेंट की निरीक्षण रिपोर्ट का भी आदेश में हवाला दिया गया है। कहा गया है कि रिपोर्ट में इस झूला पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए इसे यातायात की दृष्टि से असुरक्षित करार दिया गया है। आदेश के मुताबिक इस सबको देखते हुए लक्ष्मण झूला पुल को आवागमन के लिए बंद किया गया है। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश प्रशासन को दिए गए हैं।

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