अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए उत्तराखंड में भी श्रम कानूनों में छूट देगी सरकार
औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से उत्तराखंड में भी औद्योगिक इकाइयों में श्रम कानूनों से सशर्त छूट देने की तैयारी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से उत्तराखंड में भी औद्योगिक इकाइयों में श्रम कानूनों से सशर्त छूट देने की तैयारी है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हुई व्यवस्थाओं का सरकार अध्ययन करा रही है। इसके आधार पर राज्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शासन प्रस्ताव तैयार करेगा, जिसे कैबिनेट की आगामी बैठक में रखा जाएगा।
कोरोना महामारी से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई है। सरकार इसे पटरी पर लाने की कवायद में जुटी हुई है। राज्य में लगभग साढ़े चार हजार औद्योगिक इकाइयों को संचालन की वर्तमान में छूट दी गई है। साथ ही उद्योगों को राहत दी गई है कि वे 11-11 घटे की दो पालियों में एक-एक घटे के अंतराल के साथ चल सकेंगे। कार्मिकों को तीन घटे का ओवरटाइम भी मिलेगा। इसके साथ ही निरंतर चलने वाले उद्योगों में 12-12 घटे की पाली और छह घटे बाद 30 मिनट के विश्राम की व्यवस्था की गई है। अब सरकार औद्योगिक इकाइयों को श्रम कानूनों से भी छूट देने की तैयारी कर रही है।
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दरअसल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने अपने-अपने राज्यों में कारखानों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों में लागू 38 श्रम कानूनों को तीन साल की अवधि के लिए सशर्त अस्थायी छूट दी है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को इकाई स्थापना सहित अन्य मामलों में राहत दी गई है। इसी क्रम में अब उत्तराखंड सरकार भी राज्य में ऐसी कवायद में जुट गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में की गई व्यवस्थाओं का अध्ययन किया जा रहा है। सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के मॉडल का अध्ययन कर प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा। इसके बाद श्रम कानूनों के संबंध में सरकार निर्णय लेगी।
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