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पैरामेडिकल डिग्रीधारी लैब तकनीशियनों ने बनाई सोसाइटी, रोजगार की मांग को लेकर संघर्ष का एलान

पिछले एक दशक से रोजगार की राह देख रहे पैरामेडिकल के डिग्रीधारी लैब तकनीशियन सरकार की बेरूखी से नाराज हैं। ऐसे में इन बेरोजगारों ने अब पैरामेडिकल वर्कर्स वेलफेयर सोसाइटी का गठन कर रोजगार को लेकर संघर्ष करने का एलान किया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 06:01 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 06:01 AM (IST)
पैरामेडिकल डिग्रीधारी लैब तकनीशियनों ने बनाई सोसाइटी, रोजगार की मांग को लेकर संघर्ष का एलान
पैरामेडिकल डिग्रीधारी लैब तकनीशियनों ने बनाई सोसाइटी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पिछले एक दशक से रोजगार की राह देख रहे पैरामेडिकल के डिग्रीधारी लैब तकनीशियन सरकार की बेरूखी से नाराज हैं। ऐसे में इन बेरोजगारों ने अब पैरामेडिकल वर्कर्स वेलफेयर सोसाइटी का गठन कर रोजगार को लेकर संघर्ष करने का एलान किया है। वरिष्ठ समाजसेवी एलपी थपलियाल को सोसाइटी का संरक्षक बनाया गया है, जबकि दीपक सिंह जगवाण को अध्यक्ष व अरुण सिंह नेगी को महासचिव बनाया गया। इसके अलावा मनोज सूडा को उपाध्यक्ष, महावीर कुंवर को कोषाध्यक्ष व राजमोहन को मीडिया प्रभारी बनाया गया है। अनिल भट्ट, देवी नौटियाल, कमलेश चौहान व धनवीर बग्याल को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

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नवनियुक्त पदाधिकारियों ने सोसाइटी को मजबूत कर डिग्रीधारी पैरामेडिकल लैब तकनीशियनों के हित में संघर्ष करने का संकल्प लिया है। महासचिव अरुण सिंह नेगी ने कहा कि पैरामेडिकल की डिग्री लेने और उत्तराखंड परा-चिकित्सा परिषद में पंजीकरण कराने के बाद भी डिग्रीधारी लैब तकनीशियनों को रोजगार नहीं मिल रहा है। वह भी तक जबकि स्वास्थ्य विभाग में वर्षों के कई पद रिक्त चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिग्रीधारी लैब तकनीशियनों के प्रति सरकार का रवैया उदासीन बना हुआ है।

रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के संर्दभ में कई मर्तबा सरकार, शासन व स्वास्थ्य विभाग से पत्राचार किया गया, पर अभी तक इस दिशा में कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। इससे सैकड़ों डिग्रीधारी लैब तकनीशियनों में नाराजगी है। रोजगार नहीं मिलने से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट बना हुआ है। कहा कि सभी बेरोजगार लैब तकनीशियनों को सोसाइटी से जोड़कर रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर संघर्ष किया जाएगा। अगर इसके बाद भी सरकार व शासन का रवैया उदासीन बना रहा तो आंदोलन की अग्रिम रणनीति तैयार की जाएगी।

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