दून में व्यापारी पुलिस-प्रशासन से आखिर क्यों मांग रहे हैं अतिक्रमण की इजाजत, जानिए
व्यापारी पुलिस-प्रशासन से दुकानों के बाहर सामान फैलाने की अनुमति मांग खुद ही नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। व्यापारियों का तर्क है कि कोरोना महामारी के कारण करीब पौने दो साल से उनका व्यापार पूरी तरह से चौपट है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून शहर में व्यापारी पुलिस-प्रशासन से दुकानों के बाहर सामान फैलाने की अनुमति मांग खुद ही नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। व्यापारियों का तर्क है कि कोरोना महामारी के कारण करीब पौने दो साल से उनका व्यापार चौपट है। अब दीपावली के त्योहार के दौरान दुकानें पूरी तरह खुली हैं और कोरोना संक्रमण का खतरा भी ज्यादा नहीं हैं, ऐसे में दुकानदारों को अपने सामान का डिसप्ले दुकान के बाहर करने की इजाजत मिलनी चाहिए। फिलहाल, पुलिस-प्रशासन ने व्यापारियों की इस मांग पर असहमति जताई है। साथ ही कहा कि किसी भी व्यापारी को अतिक्रमण करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
दून महानगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा का तर्क है कि व्यापारी त्योहारी सीजन में लाभ की स्थिति में आते हैं। मार्च 2020 से अभी तक कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के कारण लाकडाउन लागू हुआ, जिससे व्यापारिक प्रतिष्ठान लंबे समय तक बंद रहे। ऊपर से पिछले दो साल से पलटन बाजार, धामावाला, पीपल मंडी आढ़त बाजार आदि बाजारों में स्मार्ट सिटी का निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिससे सड़कों को खोदा गया।
महीनों तक खोदी गई सड़क से आवाजाही पूरी तरह प्रभावित रहीं। फिर बारिश के दौरान भी व्यापारी चौपट होता रहा। पिछले पौने दो साल में केवल पालीस से पचास फीसद तक तक व्यापार हो पाया। व्यापार प्रभावित होने से छोटे व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। दून शहर में 50 फीसद बहुत छोटे व्यापारी है जो रोज के व्यापार पर अपने घरों का खर्चा चलाते हैं। ऐसे व्यापारियों को बिजली का बिल, कर्मचारियों की पगार, बैंक ऋण की किस्त आदि समय पर नहीं दे पा रहे हैं।
दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन से कहा कि अपने दुकानों के सामान का बाहर डिसप्ले की इजाजत केवल दीपावली के समय ही मांगी है। सामान्य दिनों में कोई भी व्यापारी अतिक्रमण नहीं करेगा और प्रशासन को सभी मुद्दों पर साथ देगा।
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