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जानिए चारधाम देवस्थानम बोर्ड के बारे में, जिसके भंग होने से तीर्थपुरोहितों में खुशी; कहा- सीएम ने दर्द को समझा

Chardham Devasthanam Board देवस्थानम बोर्ड भंग होने के एलान पर केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी जताई है। गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सीएम धामी ने तीर्थ पुरोहितों की पीड़ा को समझा है। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से लगातार संवाद किया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 11:32 AM (IST)
जानिए चारधाम देवस्थानम बोर्ड के बारे में, जिसके भंग होने से तीर्थपुरोहितों में खुशी; कहा- सीएम ने दर्द को समझा
जानिए देवस्थानम बोर्ड के बारे में, जिसके भंग होने से तीर्थपुरोहितों में खुशी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। इसका एलान होने पर केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी जताई है। गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सीएम धामी ने तीर्थ पुरोहितों की पीड़ा को समझा है। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से लगातार संवाद किया। वहीं, इस निर्णय की खुशी में बुधवार को उत्तरकाशी में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। वहीं, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद देते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड भंग करने से तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक सुरक्षित रह सकेंगे।

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उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर उत्तराखंड में लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। तीर्थपुरोहित इस बोर्ड के गठन से बिल्कुल भी खुश नहीं थे। उन्होंने इसे लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा कर दिया था। वे लगातार इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे थे। आज उनकी ये मांग पूरी हो गई है।

गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों की व्यवस्था के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम पारित किया गया था। इसके तहत देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया। इसके बाद से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी इसे उनके अधिकारों पर कुठाराघात करार दे रहे थे। वे लगातार ही इस अधिनियम और बोर्ड का विरोध कर रहे थे। सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मसले पर पूर्व सांसद मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी।

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