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Kedarnath में बढ़ रही भीड़ पर प्रशासन का शिकंजा, शनिवार को सुबह 10 बजे के बाद घोड़े-खच्चरों को नहीं दी जाने की अनुमति

Kedarnath Yatra केदारनाथ में शासन स्तर पर निर्धारित संख्या में ही यात्री दर्शनों को पहुंचे इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास में जुटा है। सुबह दस बजे के बाद घोड़ा-खच्चर संचालकों को प्रशासन ने केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी जिससे सैकड़ों यात्री बिना घोड़े के केदारनाथ नहीं जा सके।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 08:03 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 08:03 PM (IST)
Kedarnath में बढ़ रही भीड़ पर प्रशासन का शिकंजा, शनिवार को सुबह 10 बजे के बाद घोड़े-खच्चरों को नहीं दी जाने की अनुमति
Kedarnath Yatra : सांय चार बजे तक 13 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ रवाना

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : Kedarnath Yatra : गौरीकुंड में शनिवार सुबह दस बजे के बाद घोड़ा-खच्चर संचालकों को प्रशासन ने केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे सैकड़ों यात्री बिना घोड़े के केदारनाथ नहीं जा सके। इस पर पशुपालकों ने नाराजगी भी जाहिर की। वहीं सांय चार बजे तक गौरीकुंड से 13 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ रवाना हुए।

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केदारनाथ में शासन स्तर पर निर्धारित संख्या में ही यात्री दर्शनों को पहुंचे, इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास में जुटा है। इसी के तहत शनिवार सुबह दस बजे बाद यात्रियों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति नहीं दी गई। सुबह दस बजे तक 3600 घोड़े-खच्चर केदारनाथ रवाना हो चुके थे। इसके बाद घोड़े खच्चरों को जाने की अनुमति न देने पर पशु पालकों ने नाराजगी जताई।

कहा कि प्रशासन यात्रा को व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व पशुपालक गोविंद सिंह रावत ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में शनिवार को यात्री बिना घोड़े खच्चर के केदारनाथ दर्शनों को नहीं जा सके और जो यात्री रवाना हुए वह रास्तों में परेशान रहे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन पांच से छह हजार घोड़े खच्चरों को जाने की अनुमति दी जाए। वहीं शनिवार को कुल 13538 यात्री केदारनाथ रवाना हुए। यात्रा पड़ाव सोनप्रयाग, गौरीकुंड, सीतापुर, रामपुर, फाटा समेत केदारघाटी के सभी पड़ावों में यात्रियों की भारी भीड़ लगी है।

हेमकुंड यात्रा मार्ग पर अव्यवस्था से बिफरे प्रभारी जिलाधिकारी

हेमकुंड यात्रा मार्ग पर शौचालय , पेयजल, सफाई व्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावों की हकीकत तब सामने आई जब प्रभारी जिलाधिकारी वरूण चौधरी शिकायतों के बाद स्वयं यात्रा मार्ग पर निरीक्षण के लिए गए। पैदल यात्रा मार्ग पर स्टैंड पोस्ट में पानी तो दूर नल ही नहीं जुड़ा था। शौचालयों में सिर्फ बोर्ड पर ही स्वच्छता का दावा था जमीनी हकीकत यह मिली कि अधिकतर शौचालयों में ना पानी ना सफाई।

हकीकत सामने आने से गुस्साए प्रभारी जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाकर तुरंत एक जून तक व्यवस्थाएं सुचारू करने के निर्देश दिए। दैनिक जागरण ने 26 मई के अंक में हेमकुंड यात्रा, कड़वे अनुभव लेकर लौट रहे हैं यात्री शीर्षक से यात्रा मार्ग पर सफाई, पेयजल व शौचालयों की वास्तविक तस्वीर सामने रखी थी। लेकिन, तब जल संस्थान सहित अन्य विभागों के अधिकारी दावा कर रहे थे कि सबकुछ ठीक है।

शनिवार को प्रभारी जिलाधिकारी वरूण चौधरी ने यात्रा मार्ग पर आकस्मिक निरीक्षण किया तो पाया कि पुलना में पिलर टाइप स्टैंड पोस्ट (पीटीएसपी) लगाया गया है। जिसे पेंट कर यात्रियों के लिए आकर्षक बनाया गया।

परंतु इस पर पानी का कनेक्शन जुड़ा ही नहीं है। शौचालय में पानी और सप्लाई भी नहीं है। जिससे शौचालय स्वच्छता के बजाए गंदगी का पर्याय बना हुआ है। कई शौचालयों की मरम्मत ही नहीं हुई है। प्रभारी जिलाधिकारी ने जल संस्थान को तत्काल पानी की व्यवस्था सुचारू करने के निर्देश दिए।


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