Dehradun: पानी में गए 20 लाख, अधर में लटकी कौलागढ़ व सहस्रधारा पेयजल योजना
देहरादून में कौलागढ़ और सहस्रधारा पेयजल योजनाओं पर 20 लाख खर्च होने के बावजूद, पानी की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। नहरों में पानी की कमी के कारण आगामी ग्रीष्मकाल में जल संकट गहराने की आशंका है। जल संस्थान योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करने की बात कर रहा है, लेकिन दोनों परियोजनाएं अभी अधर में लटकी हुई हैं।

कौलागढ़ व सहस्रधारा पेयजल योजना पर खर्च कर दिए 20 लाख, लेकिन पानी की उपलब्धता की स्थिति साफ नहीं. Concept
तुहिन शर्मा, जागरण देहरादून । राजधानी दून के कौलागढ़ और सहस्रधारा रोड क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संस्थान द्वारा अमृत योजना के अंतर्गत तैयार की गई दो बड़ी योजनाएं फिलहाल अधर में लटक गई हैं। इन योजनाओं के तहत नहरों से पंपिंग कर पानी की आपूर्ति का प्रविधान किया गया था, लेकिन अब पता चला है कि प्रस्तावित नहरों में गर्मी के मौसम में पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं रहेगा। ऐसे में दोनों क्षेत्रों के हजारों घरों के लिए आगामी ग्रीष्मकाल में जल संकट गहराने की आशंका है। जानकारी के अनुसार, जल संस्थान ने इन योजनाओं के सर्वे और एस्टीमेट तैयार करने में करीब 20 लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन व्यावहारिक स्थिति में पानी की उपलब्धता ही सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
जल संस्थान ने बीते जनवरी में सहस्रधारा रोड क्षेत्र, विशेष रूप से मयूर विहार से पैसिफिक गोल्फ तक निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 173 करोड़ रुपये की विशाल योजना का खाका तैयार किया था। योजना के अंतर्गत जाखन नहर से 27 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी पंप करने का प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ ही पैसिफिक के समीप जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) और 28 ओवरहेड टैंक बनाए जाने की योजना बनी थी। योजना के तहत करीब 15 हजार घरों को पाइपलाइन के माध्यम से जल कनेक्शन देने का भी अनुमान था। इस पूरी प्रक्रिया पर करीब 15 लाख रुपये का व्यय कर सर्वे और एस्टीमेट तैयार किया गया। सिंचाई विभाग ने नहर से पानी लेने के लिए एनओसी भी जारी कर दी थी, लेकिन अब पता चला है कि नहर में केवल 90 क्यूसेक पानी है, जिसमें से एक अन्य योजना पहले से ही पानी ले रही है। गर्मियों में जब जलस्तर घटेगा, तब इस नहर से पर्याप्त पानी उपलब्ध होना मुश्किल होगा।
कौलागढ़ क्षेत्र की 44 करोड़ की योजना भी अटकी
इसी प्रकार, कौलागढ़ क्षेत्र के लगभग पांच हजार घरों को सुचारु पेयजल आपूर्ति देने के लिए 44 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी। इसमें बीजापुर नहर से आठ एमएलडी पानी पंप करने का प्रस्ताव रखा गया। किंतु बीजापुर नहर में केवल 60 क्यूसेक पानी उपलब्ध है, जिसमें से सात एमएलडी पानी पहले से ही दिलाराम चौक क्षेत्र को आपूर्ति के लिए जा रहा है। परिणामस्वरूप, गर्मी के समय इस योजना से भी पर्याप्त जल आपूर्ति की उम्मीद नहीं है। इस योजना के सर्वे और एस्टीमेट पर जल संस्थान ने लगभग पांच लाख रुपये खर्च किए हैं।
कौलागढ़ योजना का दोबारा टेंडर, सहस्रधारा को स्वीकृति नहीं
कौलागढ़ योजना को शासन से बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। जल संस्थान ने इसके निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की थी, लेकिन किसी कारणवश वह टेंडर निरस्त कर अब पुनः प्रक्रिया चलाई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि जल संस्थान अब भी निर्माण कार्य प्रारंभ करने की स्थिति में नहीं है। दूसरी ओर, सहस्रधारा रोड की योजना को अब तक शासन से बजट स्वीकृति नहीं मिली है, जिससे परियोजना का भविष्य अधर में है।
संवर्धन पर आधारित एनओसी, पानी की स्थिति अस्पष्ट
सिंचाई विभाग ने जल संस्थान को नहरों से पानी लेने की एनओसी इस शर्त पर दी है कि नहरों का संवर्धन किया जाएगा। विभाग को इसके लिए बजट स्वीकृत हुआ है, जिससे नहरों की क्षमता बढ़ाने की योजना है। हालांकि, संवर्धन के बाद वास्तविक जल क्षमता कितनी बढ़ेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
अधिकारी बोले—जल संकट से बचने को प्राथमिकता पर काम
जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि योजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। नहरों में पानी की कोई कमी नहीं है और यदि ये योजनाएं समय पर नहीं बनीं तो आगामी गर्मियों में कौलागढ़ और सहस्रधारा रोड में पेयजल संकट गहराएगा। इसलिए संस्थान इन योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है।

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