उत्तराखंड की बेटी यूरोप में करेगी रिसर्च
संवाद सूत्र रायवाला रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवíसटी ने भारत से क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। वह भारत से चुनी गयी इकलौती स्कॉलर हैं जो वहा पर रिसर्च करेंगी।
संवाद सूत्र, रायवाला : रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवíसटी ने भारत से क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। वह भारत से चुनी गयी इकलौती स्कॉलर हैं, जो वहा पर रिसर्च करेंगी। कनुप्रिया की पढ़ाई का खर्चा भी यूनिवíसटी उठाएगी। यूनिवíसटी ने कुल पाच रिसर्च स्कॉलर को चुना है, जिनमें कनुप्रिया भी एक हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के तौर पर रिसर्च करने वाली वह भारत से एकमात्र लड़की हैं। कनुप्रिया अगले महीने पौलेंड के लिए रवाना होगी।
कनुप्रिया ने 2018 में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार से एमएससी की है। लॉकडाउन के दौरान कनुप्रिया ने पीएचडी के लिए तैयारी की और चयनित हो गई। कनुप्रिया ने बताया कि वह जूडो की खिलाड़ी रही है। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण उनको उनके भाई बहन अपना रोल मॉडल मानते हैं। कनुप्रिया मूल रूप से चमोली जिले में थराली के पास गूंगा गाव के रहने वाली है। अब वह अपने माता व भाई बहनों के साथ रायवाला में रहती हैं। पिता उत्तराखंड पुलिस में अधिकारी थे, जिनका कुछ वर्ष पहले देहात हो गया। कनुप्रिया का कहना है कि भारत में रिसर्च ज्यादा नहीं होती है। अभी कोरोना काल को देखें तो लोग मानसिक तौर पर काफी परेशान रहे हैं और हो रहे हैं ऐसे में एक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट की भूमिका अहम हो जाती है। सही समय पर मानसिक बीमारी को पहचाना और काउंसिलिंग करना बहुत जरूरी है। कनुप्रिया महिलाओं के लिए भी काफी कुछ करना चाहती है।