कंगना रनोट के ऑफिस में बीएमसी की तोड़फोड़ से उत्तराखंड में भी उबाल, जगह-जगह प्रदर्शन
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट के ऑफिस को तोड़ने के मामले को लेकर उत्तराखंड में भी उबाल है। मातृशक्ति ने इसके खिलाफ हल्ला-बोला है।
ऋषिकेश, जेएनएन। महाराष्ट्र में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट का ऑफिस को तोड़ने के मामले को लेकर उत्तराखंड में भी उबाल है। एक ओर जहां विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध किया है, तो वहीं तीर्थनगरी की महिलाओं ने शिवसेना और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ हल्ला बोला। इस दौरान ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं ने कहा कि कंगना हिमाचल ही नहीं पूरे देश की बेटी हैं।
प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कंगना रनोट के दफ्तर में बीएमसी की तोड़फोड़ को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। देहरादून में डीएवी पीजी कॉलेज के आक्रोशित छात्रों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और उद्धव ठाकरे का पुतला जलाया। वहीं, शुक्रवार की शाम तीर्थनगरी ऋषिकेश के घाट चौराहे पर एकत्र हुई महिलाओं ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। कार्यक्रम में शिरकत करते हुए नगर निगम महापौर अनीता ममगाईं ने कहा कि कंगना रनोट हिमाचल की नहीं, बल्कि पूरे देश की बेटी है।
कंगना ने सुशांत की सदिंग्ध मौत और ड्रग्स को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने इस तरह की कायराना हरकत की है। इस घटना से पूरे देश की मातृशक्ति खुद को अपमानित महसूस कर रही है। कांग्रेस पार्टी जो महिला के अधिकारों और सुरक्षा की दुहाई देती है, वह पूरे मामले को लेकर चुप है। इससे साफ है कि बॉलीवुड की जानी-मानी नायिका कंगना के साथ हुई नाइंसाफी के बावजूद उसका समर्थन उद्धव सरकार को है। प्रदर्शनकारियों में पार्षद अनिता रैना,पार्षद लष्मी रावत, कमलेश जैन, कमला गुनसोला, नेहा नेगी, रजनी बिष्ट, अंजलि, कंचन शामिल हुए।
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कंगना के समर्थ में अखाड़ा परिषद
अखाड़ा परिषद भी कंगना के समर्थन में उतर आया है। अपने बयान में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कंगना बहादुर और हिम्मत वाली बेटी हैं, जिन्होंने बॉलीवुड के माफिया और ड्रग माफिया के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। कंगना ने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। इससे न सिर्फ बॉलीवुड के माफिया डर गए हैं, बल्कि उन्हें समर्थन कर रही सरकार के भी कदम उखड़ रहे हैं। यही वजह है कि सच की आवाज को दबाने के लिए उनके कार्यालय पर बुलडोजर चलवाया गया है। यह बदले की कार्रवाई है और महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा इसकी पुष्टि की है।
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