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Juul E-Cigarette : शुरुआत में जुल ने अमेरिका के 75 प्रतिशत ई-सिगरेट बाजार को किया था प्रभावित, तीन साल के अंदर हुआ पतन

Juul E-Cigarette जुल द्वारा बनाई गई ई-सिगरेट को धूम्रपान की आदत छुड़वाने के लिए बनाया गया था लेकिन युवाओं को इसकी लत लग गई। अमेरिका के खाद्य और औषधि नियामक से अप्रूवल लेना चाहा लेकिन एफडीए ने ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 05:05 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 05:05 PM (IST)
Juul E-Cigarette : शुरुआत में जुल ने अमेरिका के 75 प्रतिशत ई-सिगरेट बाजार को किया था प्रभावित, तीन साल के अंदर हुआ पतन
Juul E-Cigarette : एफडीए ने ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए

टीम जागरण , देहरादून : Juul E-Cigarette : जुल द्वारा बनाई गई ई-सिगरेट को धूम्रपान की आदत छुड़वाने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसके विपरीत युवाओं को इसकी लत लग गई। जुल की डिवाइस लोगों के बीच खासी प्रसिद्ध हो गई। 2018 में जब इसकी शुरुआत हुई तो इसने अमेरिका के 75 प्रतिशत ई-सिगरेट बाजार को प्रभावित किया। लेकिन तीन साल के अंदर ही इसकी वेल्‍यू में खासी गिरावट दर्ज की गई। जुल की वेल्‍यू 2018 में 32 बिलियन डालर थी जो 2021 तक गिरकर केवल पांच बिलियन डालर रह गई। भारी भरकम नुकसान के बाद कंपनी ने प्रोडक्ट की बिक्री के लिए अमेरिका के खाद्य और औषधि नियामक (एफडीए) से अप्रूवल लेना चाहा, लेकिन एफडीए ने ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए।

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बगैर एफडीए की मंजूरी के ही अमेरिका के बाजार में होती रही बिक्री

बता दें कि एक वक्त था जब जुल में 4000 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे थे जो अब काफी कम हो गए हैं। तब बगैर एफडीए की मंजूरी के ही अमेरिका के बाजार में ई-सिगरेटों की बिक्री होती रही। 2019 में एफडीए ने जुल को चेतावनी दी और कहा कि कंपनी ने फेडरल रेगुलेशंस का उल्लंघन किया है क्योंकि इसने अपने प्रोडक्ट की बिक्री के लिए जरूरी अप्रूवल नहीं लिया था। अब अमेरिका के खाद्य और औषधि नियामक (एफडीए) ने पापुलर ब्रांड के ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश दिया है कि अमेरिका के बाजार में ई-सिगरेट की बिक्री को बंद कर दे। इस आदेश से जुल के सभी प्रोडक्ट पर असर होगा और इसके कारण कंपनी की सेल्स भी प्रभावित होगी।

जुल की तरह किसी भी कंपनी ने बूम हासिल नहीं किया

वर्ष 2000 से ई-सिगरेट का चलन शुरू हुआ। लेकिन जुल की तरह किसी भी कंपनी ने इतना बूम हासिल नहीं किया। जुल ई-सिगरेट के डिजाइन के तंबाकू इंडस्‍ट्री में हलचल मचा दी। यह एक हाईटेक डिवाइस होती है जो पेन ड्राइव की तरह दिखती है। कंपनी के संस्‍थापक जेम्‍स मानीस और एडम बावन ने इसे इसलिए बनाया था ताकि लोग सिगरेट को छोड़ सकें। यह कई फ्लेवर में बाजार में उपलब्‍ध थी। जल्‍द ही जुल लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हो गई। लांच के दो साल में ही जुल ने बुलदिंयों को छुआ। सेल्‍स में 600 प्रतिशत तक उछाल देखा गया।

सालों तक जुल और इसी की तरह अन्‍य ई-सिगरेट कंपनी एफडीआई की स्‍वीकृति के बिना ही इसे बेचती रहीं। 2018 में अमेरिकन एकेडमी आफ पेडिएट्रिक ने जुल पर कार्रवाई न करने को लेकर एफडीआई पर मुकदमा किया। जिसके बाद जुल ने अपनी ई सिगरेट से सुरक्षित बताया। लेकिन जुल में हाई निकोटिन और नशा होने की बात को हाइलाइट नहीं किया गया। जिस वहज से लोगों में यह मैसेज गया कि ई-सिगरेट स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक नहीं है और लोगों ने इसका ज्‍यादा प्रयोग करना शुरू कर दिया। इसी को ध्‍यान में रखते हुए 2018 में सेंट फ्रांसिसको में फ्लेवर तंबाकू पर बैन लगाया गया।

अमेरिकन बच्‍चों पर जुल के पड़ रहे प्रभाव पर बैठी जांच

एफडीआई ने भी जुल पर शिंकजा कसना शुरू किया। एफडीआई ने 1300 से ज्‍यादा रिटेलर्स और पांच बड़े उत्‍पादनकर्ताओं पर कार्रवाई की। जिसके बाद जुल ने तंबाकू, मिंट और मिंथाल को छोड़कर सभी फ्लेवर बाजार से हटा दिए और पैकेट में एज रिस्ट्रिक्‍शन वेरिफिकेशन को अपेडट करने का वादा भी किया। 2018 में आखिर में दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड अल्ट्रिया ने जुल में इनवेस्‍ट किया। जिसके बाद जुल की मार्केट वेल्‍यू में खासा उछाल आया। लेकिन इसका प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहा। 2019 से जुल का पतन शुरू होने लगा।

हाउस सबकमेटी आन इकानोमिक एंड कनज्‍यूमर पालिसी के चेयरमेन ने अमेरिकन बच्‍चों पर जुल के पड़ रहे प्रभाव पर जांच बैठाई। कई शोधों में भी यह सामने आया कि जुल किशोरों के स्‍वास्‍थ्‍य पर नकारात्‍मक प्रभाव डाल रही है। इसे लेकर जुल पर केस भी किया गया। जिसके बाद कंपनी के सीईओ केवेन बरेन ने इस्‍तीफा दे दिया। जुल के नए सीईओ ने बाजार से मिंट फ्लेवर को भी हटा दिया। लेकिन जुल को लगातार नुकसान होता रहा। इसके बाद एजेंसी ने दूसरी ई-सिगरेट कंपनी वियूज सोलो को मौका दिया। जिसके तंबाकू फ्लेवर को एफडीए ने भी स्‍वीकृति दी। यह सब होने के बाद जुल ई सिगरेट कंपनी में चौथे नंबर पर चली गई और अब एफडीआई ने इसपर बैन लगा दिया है।


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