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देहरादून: जेई और डाटा एंट्री ऑपरेटरों का धरना-प्रदर्शन जारी, जानिए क्या है उनकी मांग

राजधानी दून में 95 कनिष्ठ अभियंताओं और 281 डाटा एंट्री ऑपरेटरों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती है तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 12:44 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 12:44 PM (IST)
देहरादून: जेई और डाटा एंट्री ऑपरेटरों का धरना-प्रदर्शन जारी, जानिए क्या है उनकी मांग
जेई और डाटा एंट्री ऑपरेटरों का धरना-प्रदर्शन जारी।

देहरादून, जेएनएन। पंचायती राज विभाग से हटाए गए 95 कनिष्ठ अभियंताओं और 281 डाटा एंट्री ऑपरेटरों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती तब तक उनका विरोध  जारी रहेगा। जेई पद से हटाए गए हरीश कंडारी ने कहा कि नौकरी चले जाने से इन कर्मचारियों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। वह वेतन बढ़ाने या स्थायी करने की मांग नहीं ब्लकि नौकरी पर रखने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी आजीविका चलती रहे। 

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दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने आउटसोर्स पर काम करने वाले कनिष्ठ अभियंताओं और डाटा एंट्रीऑपरेटरों को नौकरी से निकाल दिया है। बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने शुक्रवार को विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एकता विहार में धरन- प्रदर्शन शुरू किया। कर्मचारी बहाली की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई है। इससे पहले शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से उन्हें अक्टूबर 2018 में कनिष्ठ अभियंताओं को 15 हजार और डाटा एंट्री ऑपरेटरों का 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पर रखा हुआ था।

 वेतन बढ़ाने की बात तो दूर विभाग ने मार्च महीने में उन्हें बर्खास्तगी पत्र थमाते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया। इनमें कई कनिष्ठ अभियंता बीटेक और कुछ डिप्लोमा धारक हैं। कुछ समय तक वह विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें बार-बार आश्वासन दिया गया।

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कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कुछ समय वह विभाग के आदेश का इंतजार करते रहे, नौ अक्टूबर को वह मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेज चुके हैं। पर अब तक विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न होने के कारण अब उन्होंने आंदोलन का रास्ता अपनाया। 

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