मलबा आने से छह घंटे बंद रहा जेपीआरआर हाईवे
संवाद सूत्र, त्यूणी: जौनसार-बावर में बीते दो दिन से हो रही बारिश व भारी बर्फबारी के चलते ग्र
संवाद सूत्र, त्यूणी: जौनसार-बावर में बीते दो दिन से हो रही बारिश व भारी बर्फबारी के चलते ग्रामीण जनता बेहाल है। बुधवार सुबह छिबरो के पास पहाड़ी दरकने से सड़क पर जमा मलबे में पिकअप गाड़ी फंस गई। वहीं, दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर जुड्डो के पास मलबे के बीच दो कारें फंस गई, जिसमें पर्यटक बाल-बाल बचे। अटाल के पास भारी मात्रा में आए मलबे से जेपीआरआर हाईवे छह घंटे बंद रहा। मार्ग अवरुद्ध होने से सैकड़ों वाहन बीच में फंस गए। जाम लगने से ग्रामीण जनता व पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन व लोनिवि अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद बमुश्किल से हाईवे सुचारू हो पाया।
बारिश व बर्फबारी के चलते जौनसार-बावर के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चकराता क्षेत्र में रेकार्ड बर्फबारी होने से हजारों लोग बेहाल है। बुधवार सुबह तेज बारिश के चलते छिबरो के पास पहाड़ी दरकने से सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आया गया। इस दौरान हरिपुर-कोटी-मीनस मार्ग पर मलबे के बीच पिकअप फंसने से बड़ा हादसा टल गया। लोडर चालक ने किसी तरह अपनी जान बचाई। पिकअप फंसने से हरिपुर-कोटी-मीनस मार्ग सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक बंद रहा। जिससे छिबरो के पास सैकड़ों वाहनों की लंबी कतार लग गई। वहीं, दूसरी ओर बारिश से दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर जुड्डो के पास पहाड़ी दरकने से भारी मात्रा में आए मलबे-बोल्डर के बीच दो कारें फंस गई। दोनों कार सवार पर्यटक बाल-बाल बचे। उत्तराखंड व हिमाचल को जोड़ने वाले जेपीआरआर हाईवे पर अटाल के पास बारिश के चलते पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। इससे अटाल व हेड़सू के बीच लंबा जाम लग गया। सुबह सात बजे से बंद हाईवे पर दोपहर एक बजे बाद वाहनों का संचालन बड़ी मुश्किल से शुरू हो पाया। जेपीआरआर हाईवे, दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे व हरिपुर-कोटी-मीनस मार्ग घंटों बाधित होने से सैकडों लोग दिनभर सड़क पर बैठकर मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे। लोगों के कई बार शिकायत करने पर स्थानीय प्रशासन व लोनिवि ने कई घंटे बाद मार्ग खोलने के लिए जेसीबी भेजी। तंत्र की सुस्त चाल से नाराज लोगों ने कहा कि प्रशासन व लोनिवि अधिकारियों को मौसम विभाग के अलर्ट के बाद बारिश व बर्फबारी वाले प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए थे। लेकिन प्रशासन की लचर व्यवस्थाएं हमेशा तरह इस बार भी हवा हो गई। कालसी-चकराता मार्ग पर कोरवा के पास 800 के करीब पर्यटक फंसे हैं। बारिश व बर्फबारी से प्रभावित लोगों की परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है।
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इंसेट:
लोखंडी में हाइवे पर जमीं चार फुट बर्फ
त्यूणी: दो दिन से हो रही भारी बर्फबारी के चलते मसूरी-चकराता-त्यूणी हाईवे पर लोखंडी के पास चार फुट से ज्यादा बर्फ पड़ने से मार्ग खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। क्षेत्र में रेकार्ड बर्फबारी होने से चकराता ब्लॉक के जाड़ी गांव से लेकर लोखंडी व कोटी-कनासर के बीच हाईवे पर करीब पंद्रह किमी दूर सड़क का कोई पता-अता नहीं है। जहां देखो वहां सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। सड़क पर बर्फ की मोटी परत जमने से लोगों को बर्फ के बीच मीलों दूर पैदल चलना पड़ रहा है। ऊंचे इलाकों में बर्फ के बीच रह रहे लोखंडी निवासी रमेश चौहान, एसएस राणा व जाड़ी के शमशेर ¨सह आदि ने कहा आठ से दस साल बाद क्षेत्र में रेकार्ड बर्फबारी होने से बंद त्यूणी-चकराता-मसूरी हाईवे खुलने में काफी समय लगेगा। मौसम खुलने के तीन-चार दिन बाद ही हाईवे खुलने की उम्मीद है। दो दिन से बत्ती गुल, अंधेरे में मना रहे मरोज पर्व
त्यूणी: रेकार्ड बर्फबारी के चलते कई जगह विद्युत हाईटेंशन लाइन क्षतिग्रस्त होने से बर्फबारी प्रभावित इलाकों समेत 150 राजस्व गांवों व 100 के करीब मजरों में बिजली नहीं होने से लोग माघ-मरोज का पर्व अंधेरे में मना रहे हैं। जिससे त्यूणी व सावड़ा दोनों बिजलीघर से जुड़े कंडमाण, कांडोई-भरम, मशक, अमराड,जबराड़, सैंज-हरटाड़, गोरछा, बुल्हाड़, ¨पगुवा, बेगी-बागनी, कुनवा, शिलगांव, कथियान, हनोल, अटाल, फनार, केराड़, उदावां, डूंगरी, पेनुवा, भंद्रोली, चिल्हाड़, बाणाधार, किस्तुड़, सारनी, भूठ, छजाड़, ओवरासेर, बुराइला, देवघार, अटाल समेत आसपास के करीब दो सौ गांवों में बीते मंगलवार सुबह से बत्ती गुल है। बत्ती गुल होने से सैकड़ों ग्रामीण एसडीओ अशोक कुमार का कहना है कि प्रभावित क्षेत्र में बिजली व्यवस्था दुरस्त करने के प्रयास जारी हैं। बिजली घरों में लाइनों से बर्फ साफ की जा रही है।
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ठंड से बचने को अंगेठी का सहारा
त्यूणी: लोखंडी व कोटी-कनासर क्षेत्र में रेकार्ड बर्फबारी होने से लोग ठंड से बचने को अंगेठी जला रहे हैं। चारों तरफ बर्फ पड़ने से समूचे इलाके में लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं। बुधवार को लोखंडी में बर्फ के बीच फंसे लोगों ने अंगेठी का सहारा लिया। बर्फबारी प्रभावित ग्रामीण इलाकों में रह रहे सैकडों लोग कड़ाके की ठंड पड़ने से घरों में दुबके हैं। बर्फबारी में ठिठुर रहे लोग चूल्हे व अंगेठी जलाकर ठंड से बच रहे हैं।